Sunday, April 20, 2025
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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने रखी थी 1951 में भाजपा की नींव, जानिए पार्टी का अब तक का सफर

रायपुर – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना 6 अप्रैल, 1980 को हुई थी। इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है, जिसकी नींव 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने रखी थी। जनसंघ ने राष्ट्रवाद को राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया और कश्मीर जैसे मुद्दों पर संघर्ष किया।

1977 में आपातकाल के बाद, जनसंघ ने जनता पार्टी में विलय किया, लेकिन यह गठबंधन लंबे समय तक नहीं चला। 1980 में भाजपा का गठन हुआ, और अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने।

Image : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

1984 के चुनावों में भाजपा को केवल 2 सीटें मिलीं, लेकिन 1989 में राम मंदिर आंदोलन और बेफोर्स घोटाले ने इसे नई पहचान दी। 1998 में भाजपा ने एनडीए सरकार बनाई और केंद्र में सत्ता हासिल की।

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 282 सीटें जीतीं। आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसकी सदस्यता करोड़ों में है।

Image : अटल बिहारी वाजपेई

भाजपा के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ और उपलब्धियाँ शामिल हैं। 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने केंद्र में सरकार चलाई। इस दौरान भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया और कश्मीर मुद्दे पर कूटनीतिक प्रयास किए।

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और “सबका साथ, सबका विकास” के नारे के साथ कई योजनाएँ शुरू कीं, जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जन धन योजना और डिजिटल इंडिया।

भाजपा ने 2019 में फिर से सत्ता में वापसी की और अनुच्छेद 370 को हटाने, तीन तलाक पर प्रतिबंध और नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे बड़े फैसले लिए।

आज भाजपा न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक प्रभावशाली राजनीतिक दल के रूप में उभरी है।

भाजपा के संगठनात्मक ढांचे और विचारधारा पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है। यह पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा से प्रेरित है, जो हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देती है। भाजपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत और अनुशासित है, जिसमें बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्यकर्ताओं की भागीदारी होती है।

भाजपा ने विभिन्न राज्यों में भी अपनी पकड़ मजबूत की है और कई राज्यों में सरकार बनाई है। इसके अलावा, पार्टी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग करके युवाओं और शहरी मतदाताओं तक अपनी पहुँच बनाई है।

भाजपा की चुनावी रणनीतियाँ इसकी सफलता का एक बड़ा कारण रही हैं। पार्टी ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को संगठित किया और बूथ स्तर पर मजबूत नेटवर्क बनाया। इसके अलावा, भाजपा ने डिजिटल मीडिया और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके मतदाताओं तक पहुँचने के नए तरीके अपनाए।

पार्टी की नीतियाँ, जैसे उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, और किसान सम्मान निधि, ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इसे लोकप्रिय बनाया। इसके साथ ही, भाजपा ने सांस्कृतिक और धार्मिक मुद्दों को भी अपने एजेंडे में शामिल किया, जिससे इसे व्यापक जनसमर्थन मिला।

भाजपा की सामाजिक योगदान की बात करें तो पार्टी ने कई योजनाओं और अभियानों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया है। उदाहरण के लिए, स्वच्छ भारत अभियान ने स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई। उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किया, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ।

इसके अलावा, भाजपा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी कई पहल की हैं। डिजिटल इंडिया अभियान ने देश में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच को आसान बनाया।

भाजपा और महत्वपूर्ण पहल “आयुष्मान भारत योजना” है, जिसे 2018 में शुरू किया गया था। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना मानी जाती है, जो गरीब और वंचित परिवारों को 5 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है।

इसके अलावा, “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिससे उनकी आय में सुधार हुआ है। भाजपा ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा दिया है।

भाजपा की एक और उल्लेखनीय पहल “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना” है, जिसे 2016 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान करना था, जिससे महिलाओं को खाना पकाने के दौरान होने वाले धुएं से राहत मिली और उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ।

इसके अलावा, “डिजिटल इंडिया” अभियान ने देश में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया और सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया। इसने ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच को आसान बनाया और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।

भाजपा की एक और प्रमुख पहल “स्वच्छ भारत अभियान” है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य भारत को खुले में शौच से मुक्त करना और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। इसने लाखों शौचालयों का निर्माण कराया और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति में सुधार किया।

इसके साथ ही, “मेक इन इंडिया” अभियान ने भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का प्रयास किया। इसने विदेशी निवेश को आकर्षित किया और रोजगार के अवसर बढ़ाए।

भाजपा की एक और महत्वपूर्ण पहल “प्रधानमंत्री जन धन योजना” है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य हर भारतीय को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना था, खासकर उन लोगों को जो पहले बैंकिंग प्रणाली से बाहर थे। इसने करोड़ों लोगों को बैंक खाते खोलने और वित्तीय समावेशन का लाभ उठाने का अवसर दिया।

इसके साथ ही, “सुकन्या समृद्धि योजना” ने बालिकाओं के लिए बचत को प्रोत्साहित किया और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद की। यह योजना माता-पिता को अपनी बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए बचत करने का एक प्रभावी तरीका प्रदान करती है।

भाजपा की एक और उल्लेखनीय पहल “प्रधानमंत्री आवास योजना” है, जिसे 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को किफायती और पक्के घर प्रदान करना है। इसने लाखों परिवारों को घर का सपना साकार करने में मदद की है।

इसके साथ ही, “स्किल इंडिया” अभियान ने युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इसने भारत में कार्यबल को अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाने में योगदान दिया है।

भाजपा की एक और प्रमुख पहल “अटल मिशन फॉर रीजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT)” है, जिसे 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी की आपूर्ति, सीवरेज और परिवहन में सुधार करना है। यह शहरी जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक अहम प्रयास है।

साथ ही, “प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना” ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन का लाभ प्रदान किया है, जिससे उनके बुढ़ापे का आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

भाजपा की एक और उल्लेखनीय पहल “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना” है, जिसे 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य छोटे और मझोले उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा मिले। इसने लाखों लोगों को अपने व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद की है।

साथ ही, “स्मार्ट सिटी मिशन” ने शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई परियोजनाएँ शुरू की हैं। यह मिशन शहरी विकास के लिए एक आधुनिक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

भाजपा की योजनाओं का विश्लेषण करते समय, यह स्पष्ट होता है कि पार्टी ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सुधार और विकास के लिए कई पहल की हैं।

1. आर्थिक सुधार: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और जन धन योजना ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया। ये योजनाएँ छोटे उद्यमों और गरीब वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक रही हैं।

2. सामाजिक कल्याण: उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों ने महिलाओं, बच्चों और गरीब परिवारों के जीवन स्तर में सुधार किया है।

3. शहरी और ग्रामीण विकास: स्मार्ट सिटी मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है।

4. शिक्षा और कौशल विकास: स्किल इंडिया और सुकन्या समृद्धि योजना ने युवाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

5. स्वच्छता और पर्यावरण: स्वच्छ भारत अभियान और अमृत योजना ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है।

इन योजनाओं ने भाजपा को एक व्यापक और प्रभावशाली राजनीतिक दल के रूप में स्थापित किया है। हालांकि, इन योजनाओं की सफलता और प्रभाव का मूल्यांकन क्षेत्रीय और सामाजिक संदर्भों में अलग-अलग हो सकता है।

छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से भाजपा ने राज्य में कई महत्वपूर्ण कार्य और पहल की हैं। भाजपा के शासनकाल में राज्य ने बुनियादी ढांचे, कृषि, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में प्रगति देखी है।

1. बुनियादी ढांचा विकास: भाजपा सरकार ने सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार के लिए कई परियोजनाएँ शुरू कीं। “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना” के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण हुआ, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार हुआ।

2. कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों के लिए “किसान सम्मान निधि” और सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए मनरेगा जैसी योजनाओं को लागू किया गया।

3. शिक्षा और स्वास्थ्य: भाजपा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में “सरस्वती साइकिल योजना” और स्वास्थ्य के लिए “आयुष्मान भारत योजना” जैसी पहल कीं, जिससे गरीब और वंचित वर्गों को लाभ मिला।

4. सामाजिक कल्याण: उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत अभियान ने महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया।

5. औद्योगिक विकास: भाजपा सरकार ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ बनाई, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े।

2025 तक, भाजपा ने छत्तीसगढ़ में विकास और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास, कृषि सुधार, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उदाहरण के लिए, “प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना” ने ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया, और “किसान सम्मान निधि” ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की।

इसके अलावा, भाजपा सरकार ने “आयुष्मान भारत योजना” के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाया और “उज्ज्वला योजना” के माध्यम से महिलाओं को स्वच्छ ईंधन प्रदान किया।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में “प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना” के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण किया, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार हुआ। इसके साथ ही, “किसान सम्मान निधि” ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की, और “आयुष्मान भारत योजना” ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाया।

साथ ही, “उज्ज्वला योजना” ने महिलाओं को स्वच्छ ईंधन प्रदान किया, और “प्रधानमंत्री आवास योजना” ने गरीब परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराए।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में “प्रधानमंत्री आवास योजना” के तहत गरीब परिवारों को पक्के घर प्रदान किए, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ। इसके साथ ही, “स्किल इंडिया” अभियान ने युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए।

साथ ही, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना” ने छोटे उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान की, और “स्मार्ट सिटी मिशन” ने शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर काबू पाने के लिए भाजपा सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

1. सुरक्षा बलों की मजबूती: भाजपा सरकार ने सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस किया। इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशनों के जरिए नक्सलियों के ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की गई।

2. आत्मसमर्पण नीति: नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए पुनर्वास योजनाएँ चलाई गईं। 2025 तक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

3. विकास कार्य: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया गया। बस्तर जैसे क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी गई।

4. स्थानीय समुदायों की भागीदारी: स्थानीय लोगों को नक्सलवाद के खिलाफ जागरूक किया गया और उन्हें विकास कार्यों में शामिल किया गया। बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों ने समुदायों को जोड़ने में मदद की।

5. सख्त कार्रवाई: 2025 तक 100 से अधिक नक्सलियों को मुठभेड़ों में ढेर किया गया और कई गिरफ्तारियाँ हुईं। यह नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

इन प्रयासों ने नक्सलवाद को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा से आने वाले समय में विकास, रोजगार, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में और अधिक प्रयासों की उम्मीद कर सकती है।

1. बुनियादी ढांचे का विस्तार: जनता को उम्मीद है कि भाजपा सड़क, बिजली, और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर बनाएगी, खासकर ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में।

2. रोजगार सृजन: औद्योगिक निवेश और कौशल विकास के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने की अपेक्षा है।

3. कृषि सुधार: किसानों के लिए अधिक लाभकारी योजनाएँ और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार जनता की प्राथमिकता है।

4. शिक्षा और स्वास्थ्य: बेहतर स्कूल, कॉलेज, और अस्पतालों की स्थापना के साथ-साथ आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जनता की अपेक्षा है।

5. नक्सलवाद पर नियंत्रण: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की उम्मीद है।

छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा से इन क्षेत्रों में ठोस और प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षा करती है।

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