सुशासन तिहार खत्म लेकिन जनता के घर नहीं पहुंचा सुशासन, समस्या आज भी जस की तस : धनंजय ठाकुर

रायपुर । सुशासन तिहार के समापन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सुशासन तिहार तो खत्म हो गया लेकिन आम जनता के घर तक सुशासन नहीं पहुंचा उनकी समस्या आज भी जस की तस हैं। समाधान शिविर के नाम से सिर्फ आवेदन लिया गया आवेदनों का निराकरण नहीं किया गया। सुशासन तिहार के पहले लगभग 40 लाख आवेदन आया था और सुशासन तिहार में भी लगभग इतने ही आवेदन आए हैं इससे समझ में आ रहा है कि सुशासन तिहार सिर्फ खानापूर्ति था जनता को भ्रमित करने के लिए था सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए 54 दिनों तक सुशासन तिहार मनाई लेकिन जनता के घर में सुशासन नहीं पहुंचा पाई।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 40 लाख आवेदन में 10 लाख आवेदन प्रधानमंत्री आवास की मांग का था, सुशासन तिहार में उसे पूरा करने का दावा किया जा रहा है तो बताये क्या 10 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाने जनता को राशि दे दी गई है? उज्ज्वला योजना से रसोई गैस कनेक्शन हेतु 1.47 लाख मांग आयी कितने को उज्जवला योजना से गैस चूल्हा दिया गया? राशन कार्ड 1.12 लाख आवेदनों आये कितने को नया राशन कार्ड दिया गया? 35 हजार सड़क निर्माण, 35 हजार पुल पुलिया निर्माण की मांग आयी क्या सभी स्वीकृत किया गया तो कितनी राशि जारी की गईं? राजस्व विभाग से संबंधित 3 लाख 74 हजार 429, खाद्य विभाग से 2 लाख 18 हजार 113 महिला एवं बाल विकास विभाग से 1 लाख 57 हजार और नगरीय प्रशासन विभाग से 1 लाख 42 हजार 475 आवेदन से कितना समाधान किया गया।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि डेढ़ साल में ही भाजपा की सरकार आम जनता के उम्मीद से गिर चुकी है हर वर्ग इस सरकार से नाराज है सुशासन तिहार के नाम से जनता के जख्मों पर नमक छिड़का गया है, जनता ,प्रशासनिक अराजकता भ्रष्टाचार से हताश और परेशान है, सुशासन तिहार से जनता को उम्मीद था लेकिन वह भी उम्मीद खत्म हो गई है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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