संसद में हंगामा, राहुल गांधी ने की अडानी को गिरफ्तार करने की मांग, लोकसभा 12 बजे तक स्थगित

संसद शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. मेरठ से सांसद अरुण गोविल पहली बार संसद में अपना विषय उठा रहे थे. उनका संबोधन बाधित किया. स्पीकर ओम बिरला सांसदों को समझाते रहे, लेकिन शोर कम नहीं हुआ. इसके बाद 12 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा. इससे पहले वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC की बैठक हुई. सुबह 10 बजे खरगे के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक की मीटिंग हुई. जिसमें राहुल गांधी समेत कई नेता उपस्थित रहे. अजमेर में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका पर कोर्ट फैसला सुनाएगी. याचिका में दावा किया है कि अजमेर दरगाह में एक पवित्र शिव मंदिर है. अब कोर्ट तय करेगा कि विष्णु गुप्ता की याचिका आगे सुनवाई के लायक है या नहीं. वहीं बाबा बागेश्वर पदयात्रा श्री राम पैलेस और शारदा महाविद्यालय घुघसी होते हुए आगे बढ रही है. लखनऊ में संगठन चुनाव को लेकर बीजेपी की बैठक में कई नेता मौजूद हैं.’

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी की चुप्पी से यह बेहद स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार कुछ छिपा रही है. ऐसे में अगर अमेरिका की कोई जांच एजेंसी किसी कंपनी पर इतना गंभीर आरोप लगाती है, तो ये भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है.’ जांच में शामिल होने के लिए लेकिन आज जो पूर्ण सन्नाटा हम देख रहे हैं वह सन्नाटा नहीं है, यह आवाज है और यह आवाज देश की जनता सुन रही है.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘सरकार अडानी को बचा रही है. उन्हें जेल होनी चाहिए. राहुल गांधी ने अडानी की अरेस्टिंग की मांग दोहराई है.’

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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