प्रदीप उपाध्याय आत्महत्या मामला:भाजपा अफसरों को बचाने मामले में कर रही लीपापोती

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कलेक्ट्रेट के क्लर्क प्रदीप उपाध्याय के सुसाइड मामले में भाजपा सरकार जिम्मेदार अफसर को बचाने के लिए लीपापोती कर रही है। सुसाइड नोट को नकारने के लिये पुलिस द्वारा प्रेम संबंध की थ्योरी आगे किया जा रहा है। ताकि दोषियों को बचाया जा सके।

मृतक प्रदीप उपाध्याय के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने अब तक उन तीन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया है? जिसमें प्रदीप उपाध्याय ने अपने मौत के लिए उनको जिम्मेदार ठहराया है।

आत्महत्या के मामले में मृतक के सुसाइड नोट को मुख्य आधार माना जाता है। और उसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाती है। लेकिन यहां तो उलटी गंगा बह रही है ।

पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बजाय उन अफसर को क्लीन चिट देने में लगी हुई है। पुलिस अपना काम करें न्यायालय का काम पुलिस न करें। प्रदीप उपाध्याय के मामले में भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदीप उपाध्याय के कमरे से बरामद सुसाइड नोट में तीन बड़े अफसरो पर प्रताड़ित करने का जिक्र है। प्रदीप उपाध्याय ने तीनों अफसरो पर झूठी शिकायत करना एवं ब्राह्मण भगाओ कहकर अपमानित करने की आरोप लगाया है। उसके बाद भी पुलिस की कार्यवाही मामले में सिर्फ लीपापोती नजर आ रहा है क्योंकि प्रदीप उपाध्याय ने जिन तीन अफसरो को अपने मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पता चला है उसमें से एक अफसर सरकार के मंत्री के रिश्तेदार हैं। क्या इसीलिए भाजपा की सरकार अब तक उन अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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