भूपेश ने किया पलटवार, कहा- मोदी के मित्र अडानी के भ्रष्टाचार पर भाजपाई कर रहे गलत बयानी

रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा झूठ बोल रहे कि कांग्रेस की उनकी सरकार के 2018 से 2023 के कार्यकाल में अडानी से कोई एमओयू नहीं किया गया और न ही अडानी की कंपनी को कोई नया काम दिया गया।

रमन सिंह के समय से जो प्रोजेक्ट चल रहे थे वही शुरू थे। जब-जब मोदी के मित्र अडानी के भ्रष्टाचार के खुलासे होते हैं, तब-तब भाजपा के नेता एकजुट होकर गलत बयानी करके बचाव में जुट जाते हैं।

अमेरिका जैसा सिस्टम यदि भारत में होता तो अडानी हिंडेनबर्ग के खुलासे के बाद से जेल में होते। अडानी की कंपनी से छत्तीसगढ़ में जो भी एमओयू/एमडीओ हुए, वे सब पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार में हुए, कांग्रेस में तो गलत तरीके से दिए गए लीज को निरस्त करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करके केंद्र को भेजा है।

2016 में जब इसी तरह से भाजपा की डबल इंजन की सरकार थी तब भी ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाकर नंदराज पर्वत को बेचा गया, कांग्रेस की सरकार ने तो उसे निरस्त करवाया। परसा ईस्ट केते बासन, परसा केते एक्सटेंशन सभी हसदेव क्षेत्र के कोल ब्लॉक सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में अडानी एमओयू/एमडीओ के कारण राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने रद्द कर दिए थे। अडानी के भ्रष्टाचार पर पर्देदारी करने भाजपा के प्रवक्ता झूठ बोल रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 2015 में मोदी सरकार ने इसी पुराने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध ठहराए गए एमओयू/एमडीओ अनुबंध के रहते सभी कॉल ब्लॉक फिर से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को आबंटित किए गए उसी समय की वसुंधरा राजे सरकार ने पुनः यह सारे अनुबंध जीवित किया और खनन शुरू कराया। मोदी सरकार ने पुराने एमओयू/एमडीओ अनुबंध को ही चलाने की अनुमति दी।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर हसदेव अरण्य क्षेत्र के सभी खदानों को रद्द करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया। परंतु मोदी सरकार ने रद्द करने से इनकार कर दिया। अडानी के मुनाफे के लिए कोल बेयरिंग एक्ट में संशोधन हुए, वन अधिकार अधिनियम में आदिवासी विरोधी प्रावधान लादे गए, वन भूमि और हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला जैसे अतिमहत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न क्षेत्रों में ‘नो-गो एरिया’ को संकुचित किया गया और कमर्शियल माइनिंग शुरु की गई। यही नहीं देश के नवरत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड और एनएमडीसी के खदानों में भी खनन का कार्य दबाव पूर्वक अडानी को दिया गया।

केंद्र सरकार ने नीलामी के तहत तीन नए कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ में अडानी को आवंटित किए जो सभी बहुत कम बोली पर गए। 2022 में एसईसीएल ने अपने नए प्रोजेक्ट जिसमें उत्पादन शुरू होने वाला था ऐसी पेलमा खदान रायगढ़ क्षेत्र में अडानी को एमओयू/एमडीओ के तहत सौंप दिए।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार रहते गारे 2 कोल ब्लॉक का एमओयू/एमडीओ में अडानी को सौंप दिया। केंद्र सरकार के कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के तहत कोरबा वेस्ट पावर प्लांट रायगढ़ और जीएमआर पावर प्लांट रायपुर और लंको अमरकंटक पावर प्लांट कोरबा सभी अडानी समूह को सौंपने के आदेश हुए जिसमें बैंकों को भारी नुकसान हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मोदी सरकार ने बैलाडीला की आयरन ओर की खदान भी एनएमडीसी के द्वारा अडानी से एमओयू/एमडीओ को सौंप दी थी जो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के लगातार विरोध के बाद रद्द की गई। देश के संसाधन गलत तरीके से एक पूंजीपति जो मोदी के मित्र हैं उस पर लुटाया जा रहा है। धन और संसाधन का केंद्रीकरण करके देश के करोड़ों जनता के साथ अन्याय कर रही है मोदी सरकार।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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