ग्राम दोंदे खुर्द में शराब भट्टी खोलने के खिलाफ फूटा जनाक्रोश, महिलाओं की अगुवाई में मशाल रैली, प्रशासन पर बरसे ग्रामीण

रायपुर । राज्य सरकार द्वारा धरसीवां ब्लॉक के ग्राम दोंदे खुर्द में प्रस्तावित शराब भट्टी के विरोध में ग्रामीणों का गुस्सा उफान पर है। 25 जून की शाम सैकड़ों महिलाओं की अगुवाई में विशाल मशाल रैली निकाली गई, जिसने पूरे गांव में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश का माहौल खड़ा कर दिया।

रैली में शामिल महिलाओं ने दृढ़ स्वर में कहा, हम किसी भी कीमत पर गांव में शराब भट्टी नहीं खुलने देंगे। पिछली बार जब भट्टी खुली थी, तब इसके दुष्परिणाम हमने झेले हैं अब दोबारा वही गलती नहीं दोहराई जाएगी। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों को नज़रअंदाज़ कर रही है, लेकिन राजस्व की खातिर शराब का कारोबार गांवों में जबरन थोपा जा रहा है।

कॉलेज की वर्षों पुरानी मांग अनसुनी रही, मगर शराब भट्टी बिना पूछे खोल दी गई,ग्रामीणों का यह सवाल शासन की प्राथमिकताओं पर सीधा प्रहार कर रहा है।

रैली के बाद हुई आमसभा में सैकड़ों ग्रामीणों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि जब तक सरकार शराब भट्टी हटाने का निर्णय नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। इसी क्रम में आगामी रविवार 29 जून को आसपास के गांवों के साथ मिलकर विशाल धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई है।

इस आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का भी सक्रिय समर्थन प्राप्त है। इसमें पूर्व जनपद अध्यक्ष धरसीवा उत्तरा कमल भारती, ऋचा वर्मा, दीप शिखा वर्मा, दीपा साहू, कांग्रेस जिलाध्यक्ष उधोराम वर्मा, पंच सुरुचि कश्यप, पूर्व सरपंच अम्मी रेड्डी, सतनामी समाज अध्यक्ष अलेन सोनवानी सहित कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

ग्रामीणों ने चेताया है कि अगर शासन ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो यह आंदोलन राज्यव्यापी जनआंदोलन का रूप भी ले सकता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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