जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को मोमबत्ती जलाकर दी गई श्रद्धांजलि,अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि वैसाखी जहां खुशियों का पर्व होता है वहीं यह एक क्रांतिकारी दिवस भी है 

रायपुर । देश की आजादी के लिए शहीद हुए देशभक्तों को शहीद भगत सिंह चौक में श्रद्धांजलि दी । छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने बताया की वैसाखी जहां खुशियों का पर्व होता है वहीं यह एक क्रांतिकारी दिवस भी है वैसाखी वाले दिन ही 13 अप्रैल 1919 जब अमृतसर स्वर्ण मंदिर के पास स्थित जलियांवाला बाग में हजारों राष्ट्रभक्त एकत्रित हुए थे तब अंग्रेजी हुकूमत के इशारे पर जनरल डायर ने जलियांवाला को चारों ओर से घेर लिए और निकलने के एक मात्र रस्ते को बंद कर अंधाधुंध गोलियां चलाई। बच्चे,महिलाएं किसी को भी नहीं छोड़ा। एक बड़े से कुएं में बचने कईयों ने छलांग लगाई और कुएं में ही शहीद हो गए। लगभग 1500 से ज्यादा लोग शहीद हुए ।इतिहास में यह दिन अंग्रेजी हुकूमत के खात्मे के लिए ताबूत की अंतिम कील साबित हुआ।

लाला लाजपत राय, भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों ने देशभर में आजादी की अलख जगाई । जलियांवाला बाग की 106 वी बरसी के अवसर पर छत्तीसगढ़ सिक्ख काउंसिल छत्तीसगढ़ सिक्ख संगठन और अन्य प्रमुखजनों ने भगत सिंह चौक पर मोमबत्ती जलाकर और पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान अमरजीत सिंह छाबड़ा, गगन हंसपाल योगेश सैनी श्वेता अरोरा, भूपेंद्र मक्कड़ जस्सी खनूजा कुलवंत छाबड़ा गुरदीप टुटेजा सुखदेव बंटी चावला अमरजीत संधू राहुल राव भूषण को साहू गोपाल बीसे सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button