विधायक पुरंदर मिश्रा ने किया “आकार 2025” शिविर का भव्य समापन, कहा-छत्तीसगढ़ की लोककला को मिली नई ऊंचाई

रायपुर। संचालनालय, संस्कृति एवं राजभाषा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित पारंपरिक शिल्प एवं कला प्रशिक्षण शिविर “आकार – 2025” का समापन समारोह आज गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा ने की। उनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणादायक वक्तव्य ने समस्त कार्यक्रम को एक नई ऊँचाई प्रदान की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दक्षिण विधायक सुनील सोनी उपस्थित रहे, जिन्होंने सांस्कृतिक प्रतिबद्धता एवं समाज के प्रति योगदान की सराहना की।

यह 15 दिवसीय शिविर प्रतिदिन दो पालियों—सुबह और शाम—में आयोजित हुआ, जिसमें 5 वर्ष से 60 वर्ष तक के 826 प्रतिभागियों ने भाग लिया। शिविर के दौरान प्रतिभागियों को पारंपरिक चित्रकला, हस्तशिल्प, लोककला एवं विविध कलात्मक विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया। समापन के अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों की भव्य प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे अतिथियों ने विशेष रूप से सराहा।

उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “इस शिविर में भाग लेने वाले बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने यह सिद्ध किया है कि छत्तीसगढ़ की लोककला केवल जीवित ही नहीं है, बल्कि लगातार विकसित हो रही है। संस्कृति केवल प्रदर्शन की वस्तु नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की पहचान है।”

उन्होंने आगे कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता से बने नए राज्यों में से छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक और तेज़ विकास किया है। यह राज्य न केवल खनिज और कृषि में समृद्ध है, बल्कि कला और संस्कृति में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है।”

समारोह में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा आयोजन से जुड़े सभी प्रशिक्षकों, आयोजकों और विभागीय अधिकारियों को उनकी लगनशीलता के लिए धन्यवाद दिया गया। विधायक मिश्रा ने आशा व्यक्त की कि ऐसे शिविर नियमित रूप से आयोजित होते रहेंगे, ताकि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत नई पीढ़ी तक प्रभावशाली ढंग से पहुँच सके।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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