पोप फ्रांसिस के निधन का योगी सरकार ने मनाया शोक, तीन दिन तक स्थगित किए सारे सरकारी कार्यक्रम

Uttar Pradesh: पोप फ्रांसिस के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय द्वारा देश में अगले तीन दिन तक राजकीय शोक की घोषणा की गई है. इस फैसले के संदर्भ में यूपी में भी राज्य सरकार ने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया. एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कैथोलिक ईसाई समुदाय के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के साथ हैं.’

बता दें गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पोप फ्रांसिस निधन पर सम्मान के तौर पर तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है. पोप फ्रांसिस के निधन पर, पूरे भारत में तीन दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा. इसमें मंगलवार, 22 अप्रैल, 2025 और बुधवार, 23 अप्रैल, 2025 को दो दिवसीय राजकीय शोक होगा. वहीं अंतिम संस्कार के दिन एक दिवसीय राजकीय शोक होगा. राजकीय शोक की अवधि के दौरान, पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, और कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होगा.

पीएम ने भी जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दुनिया भर में लाखों लोग उन्हें हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा.’

बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पोप फ्रांसिस को करुणा, विनम्रता और उदात्त सेवा भावना के लिए सदैव याद किया जाएगा. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.’ फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह पिछले करीब 1,300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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