लगातार छीने जा रहे हैं आदिवासी परिवारों के अधिकार, पहले तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना बंद किए अब छात्रवृत्ति पर बुरी नजर : सुरेंद्र वर्मा

रायपुर । तेंदूपत्ता संग्राहकों के प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति की शर्तों में किए गए अनुचित बदलाव को आदिवासी विरोधी प्रावधान करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जन विरोधी भाजपा सरकार के इशारे पर राज्य वनोपज सहकारी संघ ने पूर्व निर्धारित योग्यता 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने के स्थान पर संशोधन करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से 10 वीं 12 वीं में 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को ही प्रतिभाशाली शिक्षा प्रोत्साहन योजना का लाभ देने का फैसला लिया है, जो पूरी तरह से अनुचित है। इस योजना के तहत 10 वीं के होनहार छात्र छात्राओं को 75 प्रतिशत या अधिक अंक लाने पर 15 हजार और 12 वीं में 25 हजार देने का प्रावधान है। वनोपज सहकारी संघ के इस दुर्भावनापूर्ण फैसले से प्रदेश के 13 लाख 50 हजार वनोपज संग्राहक परिवारो के बच्चों के हितों पर विपरीत असर पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि तेंदुपत्ता संग्राहक परिवार ज्यादातर वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत हैं, जहां शिक्षा सुविधा बेहद सीमित है। अभाव और सीमित संसाधनों पर निर्भर ग्रामीण और वनांचलों में रहने वाले आदिवासी परिवारों के बच्चों के लिए 10 वीं और 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। राज्य वनोपज सहकारी संघ के मनोनीत संचालक सदस्यों द्वारा 90 प्रतिशत की अंक वृद्धि ने वनोपज संग्राहक परिवारो के बच्चों को छात्रवृत्ति के लाभ से लगभग बाहर कर दिया है। इस दुर्भावना पूर्वक निर्णय के चलते अधिकांश छात्र-छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित हो जाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार आदिवासियों के हक और अधिकारों को छिनने का काम कर रही है। पहले मोदी सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना में केन्द्रांश बंद किया, फिर विगत वर्ष साय सरकार ने शहीद महेंद्रकर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना बंद किया, वनांचल के गोठानो में संचालित वनोपजों की प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के काम बाधित किए, उनके मार्केटिंग की व्यवस्था को ध्वस्त किया और अब इस तरह से तेंदूपत्ता संग्राहक प्रतिभाशाली शिक्षा प्रोत्साहन योजना में अनुचित संशोधन करके गरीब आदिवासी परिवार के बच्चों को शिक्षा के लाभ से वंचित करना चाहती है। भाजपा की सरकार नहीं चाहती कि गरीब, आदिवासी परिवार के बच्चे पढ़ लिख पाएं, उन्हें उचित प्रोत्साहन मिले।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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