मोलभाव की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी,सब्जी वाले ने की ग्राहक की हत्या

रायपुर । रायपुर में सब्जी खरीदने के दौरान मोलभाव करने पर ग्राहक का मर्डर हो गया।

मामला इस प्रकार

22 मार्च को कामाख्या नारायण सिंह सब्जी खरीदने आरोपी के सब्जी दुकान बंजारी मंदिर के बाजू सब्जी बाजार मे सब्जी खरीदने गया था। मृतक द्वारा सब्जी कद्दू का मोल भाव करने लगा। इसी दौरान आरोपी रेशम ढीमर उर्फ गोलू ढीमर उर्फ भोलू ढीमर गुस्से में आकर गाली गलौच करने लगा। गाली गलौच करने से मना करने पर आरोपी द्वारा कामाख्या नारायण सिंह को हाथ मुक्का से मारपीट करते हुए दाहिने हाथ से गले को दबाकर जमीन पर पटक दिया। जिससे उसके सिर में चोट आयी।

जिसे ईलाज हेतु मेकाहारा अस्पताल ले गये। जहां पर डॉक्टर द्वारा कामाख्या नारायण सिंह का मौत होना बताया गया। पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा सिर में आयी चोट के कारण मौत होना बताया गया।

यह पूरा मामला खमतराई थाना क्षेत्र का है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी गोलू ढीमर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के विरूद्ध अपराध कमांक 301/2025 धारा 103 (1) बीएनएस पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया प्रकरण के आरोपी को 25 मार्च को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।

मृतक –

कामाख्या नारायण सिंह पिता स्व. कविलाश सिंह उम्र 50 वर्ष निवासी -ग्राम धोबाही थाना अमनौर जिला छपरा (बिहार) हाल पता – श्याम बाबू का मकान सरोरा रोड उरला थाना उरला रायपुर

गिरफ्तार आरोपी

रेशम ढीमर उर्फ गोलू ढीमर उर्फ भोलू ढीमर पिता कौशल किशोर ढीमर उम्र 28 वर्ष साकिन पिथौरा रावांभांठा गायत्री मंदिर के पास थाना पिथौरा महासमुंद हाल पता काली मंदिर के पास उरला, थाना उरला रायपुर (छ.ग.)

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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