बीजापुर के इस गांव में 40 वर्षों बाद फहराया जाएगा तिरंगा, पहले फहराए जाते थे काले झंडे

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में गणतंत्र दिवस से पहले जिले के कवरगट्टा गांव में सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गांव में 40 साल में पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा, क्योंकि यह क्षेत्र माओवादियों का गढ़ माना जाता था और यहां पहले काले झंडे फहराए जाते थे।

एक समय ताकतवर बटालियन का था कब्जा

नक्सलियों की सबसे ताकतवर बटालियन के गढ़ को भेदते हुए तर्रेम से पामेड़ को जोड़ती सड़क दोबारा बन रही है। इस सड़क मार्ग को पुनः बहाल करने पुलिस के आला अफसरों के साथ जवानों ने कमान संभाली है। मौके पर अफसरों ने बताया कि जहां कदम- कदम पर प्रेशर आईईडी, बूबी ट्रेप और एंबुश के खतरों की चुनौतियों से जवान पार पा रहे है।

मार्च 2026 नक्सलवाद खत्म का मास्टर प्लान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की घोषणा के बाद सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। बस्तर में अब माओवाद के पांव उखड़ने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से बीते चार दशक से मुख्य रूप से माओवाद का दंश झेल रहे बीजापुर, सुकमा जिले के बीहड़ इलाके में सुरक्षाबलों की तेजी से बढ़ते दखल ने नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है। नक्सलवाद के खिलाफ सरकार नई नीति पर काम कर रही है। बीते एक साल में अति नक्सल ग्रस्त बीजापुर-सुकमा के सरहदी इलाकों को केंन्द्रित करते हुए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस कैम्प खोले गए हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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