विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने किया ध्वजारोहण, शहीदों को किया याद, बोले- आजादी की कीमत समझें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें

79वां स्वतंत्रता दिवस:विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि,किया ध्वजारोहण



79वां स्वतंत्रता दिवस

बसना/पिथौरा । देशभर में 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश, गर्व और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। इसी श्रृंखला में बसना विधानसभा क्षेत्र के पिथौरा स्थित शहीद भगत सिंह खेल मैदान में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन अत्यंत गरिमामय वातावरण में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने समारोह में शिरकत की और भारत माता की पूजा-अर्चना के साथ ध्वजारोहण कर राष्ट्र के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया।

विधायक ने दी शुभकामनाएं, किया स्वतंत्रता संग्राम का स्मरण

ध्वजारोहण के पश्चात विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने उपस्थित जनसमूह, स्कूली बच्चों, शिक्षकों और नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त केवल एक तिथि नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों के बलिदान, संघर्ष और संकल्प की जीवंत गाथा है। आज हम जिस स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, वह लाखों शहीदों की कुर्बानी का परिणाम है। हमें इस आज़ादी की कीमत समझनी होगी और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना होगा।

विधायक डॉ. अग्रवाल ने स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों जैसे महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई और डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने की अपील की।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी देशभक्ति की झलक

समारोह में स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक परेड, देशभक्ति गीतों, नृत्य, और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस की महत्ता को जीवंत किया। बच्चों ने रंग बिरंगे परिधान पहनकर मानो पूरे मैदान को एक रंग-बिरंगे उत्सव में बदल दिया। विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि इन बच्चों की ऊर्जा और देशभक्ति देखकर मन गर्व से भर गया । यही हमारी आने वाली पीढ़ी है, जिन्हें हम एक समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी भारत सौंपना चाहते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कहा ‘आज़ादी सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है’

विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह दिन न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना का भी दिन है। हर वर्ष यह दिन हमें याद दिलाता है कि आज़ादी केवल अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है। एक ऐसे भारत के निर्माण की जिम्मेदारी जो हर नागरिक को गरिमा, अवसर और सुरक्षा प्रदान करे।

विधायक की अपील: “एकजुट होकर करें राष्ट्र निर्माण”

समारोह के अंत में विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें एकजुटता, सहिष्णुता और सेवा का संदेश देता है। आइए हम सब मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो समृद्ध, सशक्त और संवेदनशील हो।

पावन पर्व पर उपस्थित गणमान्यजन

स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर नगर पंचायत अध्यक्ष देवसिंग निषाद, पूर्व प्रदेश मंत्री शंकर अग्रवाल,जनपद अध्यक्ष ऊषा घृतलहरे, जनपद उपाध्यक्ष ब्रह्मानंद पटेल, नरेश सिंघल, मंडल अध्यक्ष आशीष शर्मा, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य स्वप्निल तिवारी, मन्नूलाल ठाकुर, पुरर्षोत्तम घृतलहरे, विजय नायक, विजय राज पटेल ,सुमित अग्रवाल, सुरेंद्र पांडे, पुष्पराज, गजेंद्र, रविंदर आज़मानी ,अजय डड़सेना, विक्की सलूजा ,अमित अग्रवाल, मधुरिमा पांडे, अंजलि पांडे, दीपक ,देवी ,गजेंद्र ,लक्ष्मीकांत सोनी, वर्षा सोनी ,पंचराम मठियारा, संजय गोयल, पवन अग्रवाल, जनप्रतिनिधि व अधिकारी कर्मचारी गण , स्कूली बच्चे सहित गणमायजन उपस्थित रहे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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