शिक्षक संघ मुख्यमंत्री के नाम सौंपेगा ज्ञापन, मांगें पूरी नहीं हुई तो इंद्रावती से महानदी भवन तक पैदल मार्च

रायपुर । छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने मोदी की गारंटी लागू करने की मांग को लेकर 11 नवंबर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है। मोर्चा के पदाधिकारियों के अनुसार, वे 5 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं, जो कि पहले सामूहिक अवकाश के रूप में सामने आया था, और अब यह ज्ञापन देने के रूप में जारी रहेगा।

शिक्षक संघ से मिली जानकारी के अनुसार कल यानि 11 नवंबर को वे राज्य के सभी 146 विकासखंडों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद, 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायकों को भी मांग पत्र सौंपे जाएंगे। मोर्चा के नेताओ ने कहा कि अगर इन कदमों के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो 25 नवंबर को इंद्रावती से महानदी भवन तक पैदल मार्च आयोजित किया जाएगा।

शिक्षक संघ की प्रमुख मांगों में शामिल है

1. पूर्व सेवा गणना को शामिल करते हुए समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग की पुरानी पेंशन निर्धारित की जाए।

2. सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर उन्हें क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान दिया जाए।

3. समतुल्य वेतनमान में सही वेतन निर्धारित किया जाए और 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण किया जाए।

4. केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता लागू किया जाए।

शिक्षक संघ का कहना है कि अगर सरकार इन मांगों को जल्द स्वीकार नहीं करती है, तो 25 नवंबर को पैदल मार्च के माध्यम से अपनी आवाज उठाएंगे ।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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