जब्त पनीर गायब होने पर अधिकारी सस्पेंड, नकली पनीर पहुंचा फिर वापस

रायपुर । सरकारी परीसर से लगभग ढाई हजार किलो पनीर गायब होने के मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया है। खाद्य नियंत्रक चंदन कुमार ने निलंबन आदेश जारी किया है। साथ ही पूरे मामले में जांच बिठा दी गई है।

रेलवे स्टेशन में कस्टडी से चोरी हुआ लाखों का पनीर बुधवार सुबह खाद्य एवं औषधि प्रशासन को वापस मिल गया।नाटकीय ढंग से पनीर की पेटी लेकर कुछ लोग खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय पहुंचे। अफसरों से तीखी नोकझोंक के बाद पनीर का सैंपल लिया गया और उसे निगरानी में वापस कोल्ड स्टोरेज भिजवा दिया गया। मामले में बड़ी लापरवाही आने पर जांच अधिकारी एहसान तिग्गा को निलंबित कर दिया गया है। पकड़े गए लाखों के पनीर के मामले में काफी गड़बड़ झाला हुआ है।

जांच अधिकारी पहले तो बिना हिसाब-किताब वाले पनीर की 39 पेटी गायब होने की शिकायत करते रहे, फिर 22 पेटी के कागजात होने का दावा करने लगे। रेलवे स्टेशन पर कार्रवाई के कुछ देर बाद ही पनीर लेकर चंपत कथित एजेंट के खिलाफ हल्ला मचने के बाद मंगलवार शाम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। बुधवार सुबह 17 पेटी पनीर खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय लाया गया। पनीर के कथित मालिक और खाद्य विभाग के अधिकारियों के बीच काफी देर तक कहासुनी हुई। समझाइश के बाद पनीर के सैंपल जांच के लिए संग्रहित किए गए, फिर सुरक्षित स्थान के अभाव में उसे कोल्ड स्टोरेज भिजवा दिया गया। छापामार कार्रवाई की शुरुआत से खाद्य सुरक्षा अधिकारी अहसान तिग्गा विवादों में फंस गए थे। इसकी शिकायत खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक चंदन कुमार तक पहुंची थी। मामले की जांच और तिग्गा के गंभीर लापरवाही भरे कृत्य की वजह से बुधवार को उसे निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया।

इस बात की पड़ताल की जा रही है की आखिर सरकारी परिसर से नकली पनीर चुराने वाला और खबर प्रसारण के बाद बड़ी मात्रा में पनीर वापस पहुंचाने वाला कौन है।

इस मामले में नाटकीय घटक्रम सामने आया था। बुधवार को अधिकारियों के आने के पहले अज्ञात व्यक्ति ने बड़ी मात्रा में 50-50 किलो वाली पनीर की 16 पेटियां वापस पहुंचा दी हैं। संबंधित अधिकारी मीडिया के सामने नहीं बता पा रहे हैं की आखिर कौन सी गाड़ी पेटियां छोड़ कर गई, उसका मालिक कौन है और पेटियों में बंद पनीर कहीं बदल तो नहीं दिया गया।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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