RBI ने बनाया नया नियम, अब हर 15 दिनों में होगा CIBIL SCORE अपडेट

कई जगह से पर्सनल लोन लेकर जरूरत पूरी करने वालों पर अब आफत आ गई है. नए साल में रिजर्व बैंक ने लोन देने वालों को हर 15 दिन पर कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड देने के लिए कहा है. इस कारण किसी भी लोन के लिए अब क़ड़ी जांच से होकर गुजरना पड़ेगा. पर्सनल लोन के बारे में आम तौर पर माना जाता है कि यह आर्थिक गतिविधियों की जगह व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है. इसलिए एक जगह से पर्सनल लोन ले चुके लोगों को उसे पूरी तरह से चुकाए बिना दूसरी जगह से पर्सनल लोन लेने में दिक्कत होगी.

रिजर्व बैंक ने क्रेडिट रिस्क एसेसमेंट सिस्टम में सुधार के लिए यह नया कदम उठाया है. इसका मकसद गैरजरूरी कर्ज लेने पर भी रोक लगाना है. पहले रिजर्व बैंक के पास 15 दिन की जगह महीने में एक बार कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड जमा करना होता था. रिजर्व बैंक के कड़े हुए नियम के कारण अब नए साल में कई जगह से पर्सनल लोन ले लेने की आदत पर काफी हद तक रोक लगेगी.

रिजर्व बैंक की ओर से कम समय में ही क्रेडिट रिकॉर्ड जांचने से लोन देने वाली एजेंसियों के कर्जदार को लोन देने में रिस्क जांचने की क्षमता बढ़ेगी. रिजर्व बैंक ने अगस्त में ही इस आदेश को जारी किया था और एक जनवरी 2025 तक इसे हर हाल में लागू कर देने के लिए कहा था. महीने के अलग-अलग दिनों में पड़ने वाली ईएमआई की तारीख के पेमेंट में देरी होकर कई बार 40 दिनों बाद दिया जाता है. इस तरह एक महीने बाद रिपोर्ट आने पर सही क्रेडिट डाटा नहीं आ पाता है. इसलिए महीने भर बाद की जगह हर 15 दिन पर डाटा मिलने से क्रेडिट इनफॉर्मेशन काफी हद तक सही आएगा.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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