नक्सलियों के लगाए स्पाइक होल के चपेट में आकर जवान घायल, सर्चिंग पर निकली थी टीम

बीजापुर/रायपुर । दंतेवाड़ा और बीजापुर के जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकले थे। इसी दौरान बासागुड़ा थाना क्षेत्र के पुन्नूर के पास जंगल में जवान स्पाइक होल में गिर गया। जवान को चोट आई है।

घायल जवान का नाम आशीष नाग है। जो दंतेवाड़ा DRG में पदस्थ हैं। दो जिले के कई जवान नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ज्वाइंट ऑपरेशन के लिए निकले थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान डीआरजी जवान नक्सलियों के लगाए स्पाइक होल की चपेट में आकर जख्मी हो गया। जिसके बाद साथी जवान उसे जिला हॉस्पिटल लेकर गए। जहां जवान का इलाज चल रहा है। यह घटना बासागुड़ा थानाक्षेत्र के पुन्नूर में हुई है। बताया जा रहा है कि जवान को हल्की चोट आई है।

क्या होता है स्पाइक होल

नक्सल प्रभावित बस्तर में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली स्पाइक होल का इस्तेमाल करते हैं। जंगल, पगडंडियों और रास्तों में छोटे और बड़े गड्ढे खोदकर उनमें नुकीले लोहे के रॉड, नुकीले कांच, नुकीले पत्थर और बांस को छीलकर उसमें रख दिया जाता है। उस गड्ढे को ऊपर से पत्ते और मिट्टी से ढक दिया जाता है। सर्चिंग के दौरान जवान उन गड्ढों को भांप नहीं पाते और उसमें फंसकर जवान गिर जाते हैं।

जवानों, आम लोगों के साथ मवेशियों को नुकसान

स्पाइक होल से ना सिर्फ जवानों को गहरी चोट पहुंचती है बल्कि जवानों पर हमला करने के लिए भी नक्सली इस ट्रैप का यूज कर करते हैं। नक्सलियों के स्पाइक होल्स से आम लोगों के साथ मवेशियों को भी काफी नुकसान पहुंचता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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