
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है और इस समय हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तकरार है और दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं.

इस युद्ध के शुरुआत का कारण था ‘धर्म’, जब धर्म पूछ-पूछकर पहलगाम में 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. पाकिस्तान का जन्म भी धर्म के आधार पर ही हुआ था. पाकिस्तान के कायद-ए-आजम या संस्थापक मुहमम्द अली जिन्ना ने मुस्लिमों के लिए अलग देश की मांग की और भारत का बंटवारा किया गया. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस जिन्ना के मुसलामनों के लिए यह काम किया, उसकी जड़ें हिन्दू परिवार से जुड़ी थी.
पाकिस्तान का संस्थापक कहे जाने वाले मुहम्मद अली जिन्ना के पूर्वज हिंदू थे. उनके पिता का नाम जेनाभाई और दादा का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था. प्रेमजीभाई मेघजी का मछली का बड़ा व्यापार था और इस कारोबार से उन्होंने अच्छा पैसा कमाया था. लेकिन लोहाना जाति से ताल्लुक रखने के कारण बिरादरी में उनके कारोबार को पसंद नहीं किया जाता था. क्योंकि इस जाति के लोग शाकाहारी थे.
प्रेमजीभाई मेघजी ने कारोबार नहीं छोड़ा. तमाम आलोचनाओं के बाद भी वे जाति और कारोबार में बने रहे. लेकिन उनके बेटे पुंजालाल को पिता का अपमान बर्दाश्त न हुए और उन्होंने गुस्से में अपनी पत्नी और चारों बच्चों का धर्म बदल दिया और मुस्लिम बन गए. लेकिन प्रेमजीभाई मेघजी हिंदू ही बने रहे.
इसके बाद जिन्ना गुजरात के काठियावाड़ से कराची चले गए और अपना बिजनेस शुरू किया जोकि बहुत अच्छा चला भी. उनका बिजनेस ऐसा देश-विदेश तक चल गया. इस तरह से नाम-धर्म बदले जिन्ना ने अपनी बेटी की परवरिश भी मुस्लिम धर्म के अनुसार की. जिन्ना ने केवल मुस्लिम धर्म ही नहीं अपनाया बल्कि धर्म के आधार पर पाकिस्तान देश ही बनवा दिया. हालांकि जिन्ना ने पारसी धर्म की लड़की से शादी की थी.
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