विधानसभा में जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर गरमाया सत्र: कांग्रेस विधायकों का निलंबन

भूपेश बघेल ने लगाए गंभीर आरोप, कहा विपक्ष को डराने के लिए हो रहा जांच एजेंसियों का इस्तेमाल; कांग्रेस विधायकों ने लगाए 'सत्यमेव जयते' के नारे, भाजपा ने दिया 'वंदे मातरम' से जवाब।





रायपुर, 17 दिसंबर 2025 — छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को उस समय विवादों में घिर गया जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए सदन में जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र की जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने और बदनाम करने के लिए किया जा रहा है

भूपेश बघेल का तीखा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने शून्यकाल के दौरान कहा कि ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने गवाहों के बयान अपने कार्यालय में तैयार कर उन्हें असली दस्तावेज के रूप में पेश किया, जो न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। उन्होंने दावा किया कि गवाहों को डराया जा रहा है और लोकतंत्र खतरे में है

बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया और कहा कि यह गिरफ्तारी तमनार (रायगढ़) में कोयला खदान के विरोध के कारण की गई। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को भी राजनीतिक प्रतिशोध बताया।

सदन में नारेबाजी और निलंबन

बघेल की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस विधायक आसन के समीप पहुंच गए और ‘सत्यमेव जयते’ के नारे लगाने लगे। जवाब में भाजपा विधायकों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। हंगामे के चलते 34 कांग्रेस विधायकों को स्वतः निलंबित कर दिया गया, हालांकि कुछ ही देर बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया

पोस्टर विवाद और कार्यवाही में बाधा

कांग्रेस विधायक ‘सत्यमेव जयते’ लिखे पोस्टर अपने वस्त्रों पर लगाकर सदन में पहुंचे, जिस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने इसे संसदीय नियमों का उल्लंघन बताया और पोस्टर हटाने का निर्देश दिया। कांग्रेस विधायकों के इनकार के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

जांच एजेंसियों की सक्रियता और कांग्रेस की चिंता

गौरतलब है कि राज्य में ईडी, ईओडब्ल्यू और एसीबी जैसी एजेंसियां शराब घोटाला, कोयला आवंटन, पीएससी भर्ती, चावल मिलिंग और डीएमएफ फंड जैसे मामलों की जांच कर रही हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इन जांचों का उद्देश्य पूर्ववर्ती सरकार को बदनाम करना और वर्तमान विपक्ष को कमजोर करना है।

राजनीतिक संदेश और लोकतांत्रिक चिंता

भूपेश बघेल ने कहा कि जब विपक्ष को डराया जा रहा हो, तब लोकतंत्र की रक्षा कैसे संभव है। उन्होंने सत्ता पक्ष को इस मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी और कहा कि विधानसभा लोकतांत्रिक विमर्श का मंच है, जहां राजनीतिक प्रतिशोध की रणनीति पर चर्चा होनी चाहिए।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ विधानसभा में हुआ यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक ध्रुवीकरण को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जांच एजेंसियों की निष्पक्षता को लेकर विपक्ष में गहरी आशंका है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य की राजनीति में और अधिक उबाल ला सकता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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