बिहार में ‘नौकरी दो या सत्ता छोड़ो’ आंदोलन तेज, सरकार पर सवाल : विकास उपाध्याय

रायपुर । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार बिहार में ”नौकरी दो या सत्ता छोड़ो’ आंदोलन पूरे राज्य में जोर पकड़ रहा है। युवक कांग्रेस, NSUI और जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में लाखों युवा शामिल हुए, जिन्होंने सरकारी नौकरियों की मांग को लेकर व्यापक विरोध किया।

नेशनल करियर सर्विस (NCS) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 34 लाख से अधिक युवाओं ने नौकरियों के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन उन्हें अब तक रोजगार नहीं मिला। बावजूद इसके, बिहार सरकार दावा कर रही है कि राज्य में कोई बेरोजगारी नहीं है। बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 2.6% और शहरी क्षेत्रों में 7.3% बढ़ गई है, जिससे राज्य में रोजगार संकट की गंभीरता और बढ़ गई है।

छत्तीसगढ़ के रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने औरंगाबाद जिले में आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को सरकार ने केवल चुनावी वादों से छलने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 50 लाख से अधिक नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन स्थिति अब भी बदहाल बनी हुई है।

उपाध्याय ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं के हितों के लिए निरंतर संघर्ष करती रही है और बिहार में इस अन्याय के खिलाफ वृहद स्तर पर आंदोलन करेगी। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट जवाब मांगा कि आखिर बिहार के युवा कब तक नौकरी के लिए इंतजार करें।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button