Health Tips : बदलते मौसम से हुए कफ और कोल्ड से आराम दिलाएंगे ये घरेलू उपचार

मौसम बदलते ही इसका सबसे ज्यादा असर लंग्स पर पड़ता है. क्योंकि सांस लेने के जरिए इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा लंग्स को होता है. ज्यादातर लोग मौसम बदलने पर काफी डरते हैं. क्योंकि इस दौरान कुछ लोगों का शरीर कुछ अलग-अलग तरह के रिएक्शन होते हैं. नॉर्थ इंडिया में मौसम ने करवट ली है. सुबह और शाम के वक्त हल्का ठंड महसूस होता है. इसके कारण ज्यादातर लोग बीमार पड़ने लगते हैं. इसके कारण भारीपन, थकान, खांसी और जुकाम की शिकायत होती है. आइए जानें कारण और बचाव का तरीका.

मौसम से संबंधित खांसी से निपटने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें: ह्यूमिडिफायर खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.

तरल पदार्थ पिएं: बहुत सारे तरल पदार्थ, विशेष रूप से पानी पीने से बलगम पतला करने में मदद मिल सकती है.

नमक के पानी से गरारे करें: नमक के पानी से गरारे करने से खांसी से राहत मिल सकती है.

मास्क पहनें: बाहर काम करते समय मास्क पहनने से मदद मिल सकती है.

इनहेलर का उपयोग करें: यदि आपको अस्थमा है, तो अपने डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार इनहेलर का उपयोग करें.

हाइड्रेटेड रहें: हाइड्रेटेड रहने से सर्दी से बचाव में मदद मिल सकती है.

अच्छा खाएं: फलों और सब्जियों सहित कई तरह के खाद्य पदार्थ खाने से आपको स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है.

फ्लू का टीका लगवाएं: फ्लू का टीका लगवाने से सर्दी से बचाव में मदद मिल सकती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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