राजीव भवन बनाने के एक-एक पैसे का हिसाब दे देंगे, ईडी कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के 150 करोड़ का भी हिसाब लेगी?: सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर । भाजपा के इशारे पर केन्द्रीय एजेंसिया अपनी सीमाओं को लांघ रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में ईडी द्वारा सम्मन भेजा जाना बेहद आपत्ति जनक है। ईडी को जानकारी चाहिए कि कांग्रेस के जिला कार्यालय बनाने के लिये फंड कहाँ से आया, हम तो एक-एक पैसे का हिसाब दे देंगे। कांग्रेस ने 15 साल विपक्ष में रहने के दौरान अपने कार्यकर्ताओं और जनता के सहयोग से राजीव भवन बनाया था। जन सहयोग से कांग्रेस भवन बनाना कांग्रेस की परंपरा रही है। रायपुर का ऐतिहासिक कांग्रेस भवन भी आजादी की लड़ाई के दौरान छेर-छेरा पुन्नी के त्योहार के दौरान मांगे गये दान से बनाया गया था, जहां से कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ा था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस अपने भवनों के बनाने के खर्च के एक-एक पैसे का हिसाब दे देगी। ईडी में साहस है तो वह भाजपा के 150 करोड़ रू. की लागत से बने भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे का रुपया कहां से आया इसकी जांच करे? कुशाभाऊ ठाकरे परिसर फाईव स्टार होटल की तर्ज पर बनाया गया है। उसकी लागत कहां से आई ईडी जांच करे। रायपुर में ही भाजपा के कार्यालय एकात्म परिसर की जमीन राजनैतिक दल के कार्यालय के लिये भाजपा ने 1 रू. में हासिल किया था। एकात्म परिसर को व्यवसायिक कांपलेक्स में तब्दील कर दिया गया जहां से 1.5 करोड़ रूपया किराया भाजपा वसूलती है ईडी उसकी जांच करेगी?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस ने 500 करोड़ की लागत से दिल्ली में अपना दफ्तर बनाया है। इस रकम के स्रोत की ईडी जांच क्यों नहीं करती है? ईडी ने भाजपा के अनुषांगिक संगठन की भांति काम कर रही है। कांग्रेस कार्यालय की जांच हो सकती है तो भाजपा के कार्यालयो की जांच क्यों नहीं होना चाहिये।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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