रायपुर । छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया है। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 3 फरवरी को समाप्त हो गया था। उसके बाद से ही माना जा रहा था कि अरुण देव गौतम को राज्य का डीजीपी बनाया जा सकता है। अरुण देव गौतम 1992 बैच के अफसर हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे अशोक जुनेजा का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया था। उन्हें 2 बार सेवा विस्तार मिल चुका था। छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी की रेस में अरुण देव गौतम का नाम सबसे आगे था। इसके अलावा पवन देव और हिमांशु गुप्ता का नाम भी रेस में शामिल थे। लेकिन अंतिम फैसला अरुण देव गौतम के नाम पर हुआ है।
अभी अस्थाई नियुत्ति
अरुण देव गौतम की डीजीपी के पद पर अभी अस्थाई नियुक्ति हुई है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है- अरुण देव गौतम महानिदेश नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा एवं अतिरिक्त प्रभार संचालक लोक अभियोजन को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ का कार्यभार सौंपा जाता है। अरुण देव गौतम की गिनती सख्त अधिकारियों में होती है।
कई जिलों के रह हैं एसपी
अरुण देव गौतम 6 जिलों के एसपी रह चुके हैं। अरुण देव गौतम के साथ कई कई अधिकारियों के नाम दिल्ली यूपीएससी को भेजे गए थे लेकिन ऐलान अरुण देव गौतम के नाम का किया गया। अरुण देव गौतम को संयुक्त राष्ट्र पदक के अलावा सराहनी सेवाओं के लिए वर्ष 2010 में भारतीय पुलिस पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
आर्म्ड फोर्स के रहे हैं प्रभारी
अरुण देव गौतम छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स के प्रभारी भी रहे हैं। वह बिलासपुर रेंज के आईजी भी रह चुके हैं। झीरम घाटी नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं की हत्या के बाद अरुण देव गौतम को बस्तर आईजी बनाया गया था।