रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तैमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
इसके साथ ही राज्य में अब बाघों के लिए संरक्षित टाइगर रिजर्व की संख्या बढ़कर चार हो गई है। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी चार नवंबर की अधिसूचना के बारे में राज्य के अधिकारियों ने जानकारी दी।
अब इसे गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा। जानकारी के अनुसार, यह देश का तीसरा और छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री ने खुशी जताई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “दहाड़ अब और तेज होगी। बाघ संरक्षण में भारत नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हमने छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत एक ऐसे हरित भविष्य की दिशा में काम कर रहा है जहां मनुष्य और जानवर सद्भावनापूर्वक रहते हैं।”
सीएम ने भी दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर कहा, “बधाई छत्तीसगढ़। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को देश का 56वां बाघ अभयारण्य घोषित किया जाना पूरे राज्य के लिए गौरव और खुशी का क्षण है।” उन्होंने कहा कि यह टाइगर रिजर्व बाघों और वन्य जीवों के संरक्षण में सहायक होगा, साथ ही राज्य और राष्ट्र के लिए हरियाली और उज्जवल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
इससे पहले राज्य में थे तीन टाइगर रिजर्व
सीएम साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से इस दूरदर्शी और प्रभावशाली पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का हृदय से आभार।”बता दें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ में तीन टाइगर रिजर्व थे। बीजापुर जिले में इंद्रावती टाइगर रिजर्व, गरियाबंद जिले में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और मुंगेली जिले में अचानकमार टाइगर रिजर्व है। अब यह राज्य का चौथा यह राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व होगा।