नगर निगम कांग्रेस के 15 साल में रहा भ्रष्टाचार, बदहाली और कुशासन,भाजपा ने जारी किया आरोप पत्र

रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि विधानसभा, लोकसभा और रायपुर दक्षिण उपचुनाव के बाद अब प्रदेश की जनता नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को माकूल जवाब देकर सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।

कांग्रेस शासनकाल के भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और कुशासन को लेकर भाजपा के आरोप पत्र का विमोचन करते हुए संजय श्रीवास्तव ने कहा कि नगरीय निकाय लोकतंत्र की वह महत्वपूर्ण इकाई है, जिससे जनता सीधे जुड़ी होती है और नगर का तेजी से विकास होता है।

एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब संजय श्रीवास्तव ने आरोप पत्र जारी करते हुए विभिन्न बिंदुओं के मद्देनजर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप पत्र जारी किया।

भाजपा के आरोप पत्र में जिन बिन्दुओं को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला गया है, वे इस प्रकार हैं :-

  • कांग्रेस के 15 साल के शासन में नगर निगम रायपुर में भ्रष्टाचार और लूट के सारे कीर्तमान टूटे।
  • कोरोना महामारी में भी कांग्रेस भ्रष्टाचार से बाज नहीं आई। लगभग 80 लाख रुपया अस्थायी कोविड केयर के सामानों का किराया दिया, जबकि उन्हें खरीदने की राशि भी इतनी नहीं होती।
  • तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर भी कांग्रेस के महापौरों ने जमकर लूट मचाई। करोड़ों रुपए में खरीदे गए फव्वारे चंद दिनों में ही बंद पड़ गए। जिसमें बुढ़ा तालाब का 5 करोड़ रु. लागत का म्यूजिकल फाउंटेन भी शामिल है जो केवल एक सौ दिन ही चला।
  • तेलीबांधा से वीआईपी रोड तक का सौंदर्यीकरण बिना टेंडर के ही पूर्ण कर दिया गया था, जिसे जनता ने वॉल ऑफ करप्शन का नाम भी दिया।
  • होर्डिंग्स के मामले में भी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार किया । 27 करोड़ का यह घोटाला यूनीपोल घोटाला के नाम से प्रचलित हुआ।
  • नरैया तालाब के सौंदर्यीकरण में भी फर्जीवाड़ा किया गया। 27 लाख का फर्जी वेतन, 40 लाख का टेंडर घोटाला भी सामने आया। ₹100 की चीजों को हजारों रुपए में खरीदा गया।
  • वित्त आयोग से 10 इलेक्ट्रॉनिक बस की खरीदी के लिए 22 करोड रुपए आवंटित किए गए लेकिन राजधानी में एक भी बस नहीं दौड़ी।
  • 2 साल से बंद पड़ी कंपनियों को बिना जांच और एनओसी के ठेके दिए गए, जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
  • शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में पार्किंग एवं ट्रैफिक की जमकर अव्यवस्था रही। प्रदूषण से भी लोगों का जीना मुहाल हुआ।
  • शहर में नालियां जाम रही, साफ सफाई न होने की वजह से लगातार कई इलाकों में मलेरिया, पीलिया जैसी बीमारियां फैलती रही।
  • व्यावसायिक क्षेत्र में जाने वाली महिलाओं को टॉयलेट की भारी कमी से जूझना पड़ा।
  • जनता से अधिक कर की वसूली भी एक पीड़ा देने वाला विषय रहा। कांग्रेस द्वारा मूल कर में ब्याज, पेनाल्टी इत्यादि जोड़कर जनता को जमकर परेशान किया गया।
  • संप्रदाय विशेष को संरक्षण के कारण लगातार अपराध होते रहे। सभ्य नागरिकों का जीना मुहाल रहा।
  • महापौर के रिश्तेदारों का आतंक न केवल आम निवासियों बल्कि पुलिस वालों तक पर चलता रहा।
  • धर्मांतरण आदि की घटनाएँ लगातार होती रही, उसे निगम और तब की प्रदेश कांग्रेस सरकार का प्रश्रय रहा।
  • अपराधियों के हौसले इतने बुलंद थे कि तिरंगा जलाने, संविधान फाड़ देने राज की बातें सरेआम की जा रही थी।

इस दौरान पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल, प्रवक्ता अमित साहू, तौकीर रजा, पैनलिस्ट सुनील चौधरी, डॉ. किरण बघेल की मौजूदगी रही।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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