मोदी सरकार के बजट में कृषि, मनरेगा, रोजगार एवं छत्तीसगढ़ की उपेक्षा:भूपेश बघेल

रायपुर । केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आम जनता के लिए घोर निराशाजनक बजट है। शेयर बाजार बैठ गया है, निवेशक बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। डॉलर 86 रुपए 70 पैसा से पार हो गया है। बाजार लगातार गिर रहा है, मोदी सरकार के आर्थिक नीतियों पर से जनता का भरोसा टूट चुका है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मोदी सरकार के बजट से देश का हर वर्ग निराश है। मिडिल क्लास, लोअर मिडल क्लास, गरीब, किसान, मजदूर और युवाओं के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह बजट पूरी तरह से और अव्यावहारिक, अन्यायपूर्ण और मिडिल क्लास विरोधी है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मोदी सरकार के इस बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कुछ भी नहीं है। निवेशक नए निवेश से घबरा रहे हैं, पूर्व में संचालित उद्योग, व्यापार चलाना मुश्किल हो रहा है और यह सरकार केवल मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा रही हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा मोदी सरकार के बजट में पीएम कृषि योजना लागू करने की बात की गयी है, लेकिन किसानों के उपज की पूरी कीमत मिले इसके लिये एमएसपी को कानूनी गारंटी के लिए कोई प्रावधान नहीं। इसके साथ ही कृषि ऋण माफी पर बजट में कुछ नहीं। पीएम फसल बीमा योजना में सुधार के लिए कुछ नहीं है। मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं, मनरेगा मजदूरी बढ़ाने के बारे में कुछ भी नहीं। रोजगार बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं। युवाओं को रोजगार के नये अवसर कैसे बढ़ेंगे। इस बजट में कुछ भी नहीं बताया है।महिलाओं के लिए बजट में कुछ नहीं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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