कभी मजदूरी कर घर का खर्च चलाती थी सुषमा,अब अपनी आय से कराया 3 बीएचके घर का निर्माण

रायपुर । रोजी मजदूरी से जीविकोपार्जन करने वाली सुषमा नौरंगे, अब साल के 1.8 लाख रुपए कमाने लगी है। इस बात को सुनकर आपको यह मात्र एक कहानी लगेगी, लेकिन सुषमा ने ऐसा कर दिखाया है।

आरंभ विकासखंड के ग्राम पचेड़ा में रहने वाली सुषमा नौरंगे 2017 से पहले एक सामान्य सी गृहिणी थी और रोजी-मजदूरी करके घर के खर्च में अपना योगदान देती थीं।

नौरंगे के जीवन में एक बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने 2017 में बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत आराधना समूह में सदस्य के रूप में काम शुरू किया। बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के क्रम में नौरंगे ने सीआईएफ राशि ₹ 1.2 लाख और ₹ 3 लाख बैंक से लोन लेकर अपनी आजीविका शुरू की।

वर्तमान में सुषमा नौरंगे सिलाई कढ़ाई, आटा चक्की एवं धान कुटाई, मशरूम खेती, मछली पालन, बाड़ी में सब्जी की खेती के साथ मुर्गीपालन का काम कर रही हैं।

आपको बता दें कि नौरंगे शादी के पहले बी.ए. और शादी के बाद एम.ए. समाजशास्त्र और पीजीडीसीए की पढ़ाई कर चुकी हैं। खुद पढ़ाई करने के बाद अब अपने दोनों बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के अच्छे स्कूल में पढ़ा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने आय के पैसों से 3 बीएचके घर का निर्माण भी करवाया है और लोन का लगभग आधा से ज्यादा किस्त उन्होंने चुका दिया है।

उनके पति लघु किसान है। उनकी आय माध्यम से घर का खर्च चलता था। लेकिन अब सुषमा अपने घर के खर्चाें में हाथ बटा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि शासन की इस योजना से महिलाओं के जीवन बदलाव आ रहा है। महिलाएं सशक्त हुई है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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