पत्रकार की हत्या का आरोपी सुरेश चंद्रकार भाजपा प्रवेश कर चुका: सुशील आनंद

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि बस्तर दंतेवाड़ा के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है तथा अपराधियों की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करती है।

हत्या का आरोपी सुरेश चंद्रकार भाजपा प्रवेश कर चुका है। बीजापुर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ भी उसकी फोटो है तथा बीजापुर के पूर्व भाजपा अध्यक्ष जी. वेंकट बस्तर जिले के तीन जिले का भाजपा प्रभारी भी है। उन्होंने माला पहनाकर सुरेश चंद्रकार का भाजपा प्रवेश कराया था। वह 10 दिन पूर्व सीएम हाउस भी गया था, सीएम हाउस का सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक किया जाये। सीएम हाउस के आगंतुको की 15 दिनों की सूची सार्वजनिक किया जाये।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा 

  • अपराधी, अपराधी होता है, अपराध जिसने किया है उसके ऊपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये। चाहे वह कांग्रेसी हो, या भाजपाई हो, या अन्य दल का सदस्य जिसने अपराध किया है, वह अपराधी होता है।
  • हम भाजपा के समान नहीं है कि अडानी पर आरोप लगा तो पूरी केंद्र सरकार, पूरी भाजपा उसके बचाव में जुट जाये। कांग्रेस की निगाह में अपराधी अपराधी होता है, कानून अपना काम करे।
  • स्व. मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के जिस भ्रष्टाचार को उजागर किया उस पर चर्चा क्यों नहीं हो रहा है?
  • 120 करोड़ की सड़क के ठेके में 90 प्रतिशत अग्रिम भुगतान बिना मंत्री, बिना सत्ता में बैठे हुए लोगों के संरक्षण के संभव है क्या?
  • किसको ठेकेदार का संरक्षण था, उन सत्तारूढ़ दल के लोगों पर कार्यवाही कब होगी?
  • इस भ्रष्टाचार में कौन-कौन संलिप्त है? इसकी जांच की बात क्यों नहीं किया गृहमंत्री ने?
  • गृह मंत्री यह मानने को तैयार नहीं कि राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है।
  • राजधानी में 48 घंटे में 5 हत्या हो गयी ।गृहमंत्री को कानून व्यवस्था ठीक लगती है।

मुख्यमंत्री बस्तर में थे एक चिकित्सक की पत्नी की हत्या हो गयी, गृह मंत्री को कानून व्यवस्था ठीक लग रही है, राजधानी में 5 गोली कांड हो गया, एसपी कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया, प्रदेश में 1 साल में 3300 से अधिक महिला अपराध, 900 से अधिक बलात्कार, 1250 से अधिक हत्या हो गयी, राजधानी चाकूपुर बन गया है। मुख्यमंत्री से लेकर गृह मंत्री का गृह क्षेत्र सुरक्षित नहीं, गृह मंत्री कहते है कांग्रेस कानून व्यवस्था पर झूठे सवाल उठा रही है।

भाजपा की सरकार भ्रष्टाचारियों की संरक्षक कुछ माह पहले बस्तर में चार पत्रकारों ने भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार, अवैध रेत खनन सहित अवैध कार्यों का खुलासा किया तो पुलिस उन पत्रकारों के वाहन में गांजा रखकर उन्हें फर्जी मामले में फंसाया था।

एक पत्रकार ने वन विभाग की भ्रष्टाचार की पोल खोली तो उन्हें धमकाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ सरकार दमन की कार्यवाही कर रही है। भ्रष्टाचार पर लिखने वाले पत्रकार और संस्थानों का सरकारी विज्ञापन बंद कर दिया जा रहा है। संस्थान पर पत्रकारों को नौकरी से हटाने दबाव बनाया जा रहा है।

बेहद दुर्भाग्यजनक है कि कानून का राज स्थापित करने के बजाय पूरी सरकार अपराध को रोकने के बजाय अपराधी को पकड़ने के बजाय, अपराध की कड़ी निंदा करने के बजाय कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाने में व्यस्त है।

पत्रकारों का दल उक्त संदर्भ में कार्यवाही के लिये राजभवन भी गया था लेकिन यहां भी सुनवाई नहीं हुई, राजभवन में ज्ञापन लेने के लिये तैयार नहीं हुआ।

कांग्रेस मांग करती है कि

  • बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिये गृह मंत्री इस्तीफा दें, वे इस्तीफा नहीं देते है तो मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करने का साहस दिखाये।
  • पीडब्ल्यूडी मंत्री भी इस्तीफा दें।
  • पत्रकार स्व. मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ की नगद सहायता एवं सरकारी नौकरी दी जाये।
  • पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, सोमेन चटर्जी उपस्थित थे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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