कुंदरकी में मुस्लिम बाहुल सीट पर बीजेपी आगे,उम्मीदवार के लिए एक हुए मुसलमान

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने भारी बढ़त बनाई है। इन नतीजों के लिए जहां सपा धांधली और दबाव के आरोप लगा रही है, तो रामवीर सिंह का कहना है कि मुसलमानों ने उनपर भरोसा जताया है।

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की मतगणना जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट के नतीजों ने सबको चौंका दिया है। लंबे समय से सपा के कब्जे में रही इस सीट पर बीजेपी बड़ा उलटफेर करते हुए जीत की ओर बढ़ रही है या यूं कहें कि बीजेपी उम्मीदवार की जीत की आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। दोपहर 3 बजे तक के आंकड़ों में कुंदरकी से बीजेपी उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह करीब 90 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं।

उन्होंने इस बढ़त के पीछे अपने लिए मुस्लिमों का भरोसे को बताया है। उन्होंने मीडिया से कहा, “जब मुझे टिकट भी नहीं हुआ था, तब से मुस्लिम एक तरफा था। मुसलमानों ने ठान लिया था कि इस बार रामवीर को मौका देना है।” उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों ने धर्म-जाति के बंधन तोड़ते हुए बीजेपी को वोट किया है।

जहां नतीजों से लग रहा है कि रामवीर मुसलमानों का भरोसा जीतने में कामयाब हुए हैं, वहीं सपा की तरफ से आरोप लगाए गए हैं कि मुसलमानों को वोट नहीं डालने दिया गया और मतदान में धांधली की गई। सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कुंदरकी सीट पर मतदान लोकतंत्र नहीं, राजतंत्र नीति से हुआ है।

मुस्लिमों ने आखिर क्यों दिया बीजेपी को वोट?

ठाकुर रामवीर सिंह कहते हैं कि ये चुनाव उनके चेहरे पर हुआ है। रामवीर सिंह 2007 से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वो मुस्लिमों के समर्थन को बताते हुए कहते हैं। “मुझे 2007 में मुस्लिमों ने 2500 वोट दिए, 2012 में 5 हजार कर दिए, 2017 में 25 हजार कर दिए और फिर 75 हजार कर दिए।”

सीट पर कितने मुस्लिम, कितने हिंदू वोट?

कुंदरकी सीट पर कुल वोट 3,80,000 है।यहां 2,50,000 मुस्लिम वोटर हैं, वहीं हिंदू वोटरों की तादाद 120000 है और 10 हजार अन्य हैं। इस उपचुनाव में करीब 57 फीसद वोट डाले गए हैं। पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार को कुल 82 हजार वोट मिले थे और वो हार गए थे, जबकि इस उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार एक लाख से ज्यादा वोट पाते दिखाई दे रहे हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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