सीएम साय ने किया एलान: पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को मिलेगी सहायता राशि,मुकेश के नाम से होगा पत्रकार भवन का होगा निर्माण

रायपुर । दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को छत्तीसगढ़ सरकार 10 लाख रुपए की सहायता देगी। इसके साथ मुकेश चंद्राकर के नाम से पत्रकार भवन का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है और किसी भी संकट के समय सरकार उनके साथ खड़ी है। इस बात का एलान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बलरामपुर जिले के दौर पर रवाना होने से पहले किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बलरामपुर जिले में तातापानी संक्रांति परब का शुभारंभ करेंगे। बलरामपुर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करने कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि कांग्रेस आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रही है। कोर्ट के आदेशानुसार ही हमने आरक्षण लाए है। कांग्रेस नहीं चाहती कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले। अगर विधानसभा में विधेयक पारित नहीं होता तो आरक्षण नहीं मिलता।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में कुल 33 जिले है, जिनमें से 16 अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं। अधिसूचित क्षेत्र के सभी अध्यक्ष के पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगे। वहीं 33 में से 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। क्या ये कांग्रेस के नेता संविधान को मानते हैं, उन्होंने कभी पढ़ा है? संविधान के तहत ही आरक्षण की प्रक्रिया हुई है।सभी पदों में पर्याप्त आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मिला है। कांग्रेस का इतिहास आरक्षण के विरोध का रहा है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button