सुकमा में 11 माओवादियों ने किया पुलिस के सामने सरेंडर,शाह के बस्तर दौरे से पहले नक्सलियों ने डाले हथियार

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले बस्तर में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। नारायणपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने 7 नक्सलियों को एनकाउंटर में ढेर किया है, तो वहीं सुकमा में पुलिस और सुरक्षाबलों के सामने बड़ी संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाल सरेंडर कर दिया है।सरेंडर करने वालों में नक्सलियों की कृषि समिति का अध्यक्ष सहित अन्य नक्सली शामिल हैं।

बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का ऐलान किया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नक्सलियों से सरेंडर की अपील कर रही है। जो नक्सली सरेंडर नहीं कर रहे हैं एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं। अमित शाह 15 और 16 दिसंबर को दो दिनों के बस्तर प्रवास पर रहेंगे।इससे पहले सुकमा पुलिस के सामने बड़ा सरेंडर हुआ है।यहां 11 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया है।

इन नक्सलियों ने किया है सरेंडर

सुकमा जिले के एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि जोगेंद्र यादव, हेमला देवा और नौ अन्य नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है।इनमें से जोगेंद्र यादव नक्सलियों की पेद्दाबोडकेल क्रांतिकारी पार्टी समिति के तहत कृषि समिति का अध्यक्ष था. उन्होंने बताया कि हेमला इसकी जनसंपर्क समिति का प्रमुख था, जबकि नौ अन्य नक्सली निचले स्तर के कैडर हैं।उन्होंने बताया कि नक्सलियों की खोखली विचार धारा और सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर इन सबने सरेंडर किया है।एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा।

इधर गुरुवार को ही दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर हुई सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 7 नक्सली ढेर हुए हैं।शाह के दौरे के पहले नक्सल अभियान में बस्तर पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है। बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि इस साल अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में 217 नक्सली मारे जा चुके हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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