हजारों जेल बंदियों कि हो सकती है रिहाई,आज होगा फैसला

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रायपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरा लहर काफी खतरनाक हो चुकी है। प्रदेश की जेलों में बंदी लगातार संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। बलौदाबाजार उपजेल में 15 बंदियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से हड़कंप है। रायपुर और दुर्ग सेंट्रल जेल में पांच बंदियों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश की जेलों में 70 से अधिक बंदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंदियो को पेरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ने का फैसला लेने के लिए हाईपावर कमेटी की बैठक सोमवार को होने जा रही है।

इस बैठक में ही तय किया जाएगा कि किन-किन जेलों से कितनों बंदियों को छोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी जेलों से कोरोना संक्रमित बंदियों की संख्या के साथ पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।पिछले साल प्रदेश के जेलों में कोरोना का कहर कम करने के लिए अक्टूबर महीने तक करीब 19 हजार 502 बंदियों को जमानत व पेरोल पर छोड़ा गया था। हालांकि, इस बार यह संख्या आधी हो सकती है।

डीआईजी जेल केके गुप्ता ने बताया कि देशभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जेलों में बंद झमता से अधिक बंदियों को पिछले साल की तरह इस बार भी पेरोल व अस्थायी जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है।

इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी को बंदियों को 90 दिनों के पेरोल पर छोड़ने के साथ ही उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा संबंधी व्यवस्था पुख्ता करने को कहा है। इस मामले को लेकर सोमवार को हाईपावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया जाएगा।इसके बाद मंगलवार से बंदियों की रिहाई हो सकती है।

सात साल तक के अधिकतम सजा वाले बंदियों को लाभ

डीआईजी जेल ने बताया कि आईपीसी की ऐसी धारा, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है, ऐसे बंदियों को जमानत और पेरोल पर छोड़ा जाएगा। पिछली बार जिन बंदियों को छोड़ा गया था, उन्हें या फिर नए बंदियों की रिहाई की जाएगी। इस पर हाईपावर कमेटी ही फैसला लेगी। नव प्रवेशी बंदियों को फिलहाल जेलों में नहीं लेने का विचार किया गया है। कोरोना संकट तक उन्हें जमानत का लाभ मिलेगा।

कई जेलों की बिगड़ी हालत

बलौदाबाजार उपजेल के 15 बंदियों के एक साथ कोरोना संक्रमित निकलने से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद 14 बंदियों का कोविड सेंटर सकरी और एक का जिला कोविड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। बलौदाबाजार उपजेल के जेलर अभिषेक मिश्रा ने बताया कि पांच मई को उपजेल के 55 बंदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया था, जिसमें 15 संक्रमित निकले हैं।

इसी तरह दो मई को राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ब्लॉक के सलौनी स्थित उपजेल में लगभग 75 विचाराधीन बंदियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन सभी बंदियों को जेल में ही अलग-अलग बैरकों में रखकर इलाज किया गया। उपजेल में दुष्कर्म के मामले में विचाराधीन एक कैदी की कोरोना से मौत हो गई थी, वहीं जशपुर जिला जेल में बीत दिनों 21 कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले थे।

जेल में अलग से कोविड केयर बैरक बना दिया गया है। सभी संक्रमित बंदियों को इसी में रखा गया है।आशंका जताई जा रही है कि बाहर से आने वाले सामान से संक्रमण फैला है। किसी आरोपित को कोर्ट में पेश करने के पूर्व ही उसका टेस्ट कराया जाता है।जेल स्टाफ के जरिए संक्रमण फैलने जैसी बात भी अभी तक सामने नहीं आई है।

पांच बंदियों मौत ने बढ़ाई चिंता

रायपुर और दुर्ग सेंट्रल जेल में अब तक पांच कैदियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। इससे पहले रायपुर सेंट्रल जेल और दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद पांच कैदियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। वहीं, करीब 70 बंदी संक्रमित हो चुके हैं।

Richa Sahay

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