पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक पर छिड़ा विवाद,नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा:इस पर तो ना करें राजनीति

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके स्मारक को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस की मांग है कि जहां अंतिम संस्कार हो वहीं पर स्मारक बने। गृह मंत्रालय ने कहा कि अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाएगा और मनमोहन सिंह का स्मारक दिल्ली में बनेगा।

अब इस विवाद में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब इंसान चला जाता है तो उसके साथ सारे बैर मिट जाते हैं, लेकिन यहां पर राजनीति हो रही है। मैं छोटा सा सवाल करता हूं कि अगर अटल जी का संस्कार होना होता और कोई कहता कि राज घाट पर नहीं होगा वहां स्मारक नहीं बनेगा, कहीं और बनेगा तो कैसा लगता? ये मसला किसी पार्टी का नहीं देश के इतिहास का है ये इंसान खास था, जीता-जाता इतिहास था।उचित को जानकर उस पर अमल ना करना कायरता है। बड़ा दिल होना चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। भाजपा अनुचित उदाहरण पेश न करे।आप सांसद संजय सिंह ने कहा, महान अर्थशास्त्री और सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट के पास जगह न देना सरकार की छोटी सोच को दिखाता है।

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर चाहती थीं कि अंतिम संस्कार वहीं हो जहां स्मारक बनाया जा सके। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्व पीएम का स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख पीएम का अपमान है। जगह की कमी की बात सामने आने पर प्रियंका गांधी ने डॉ. सिंह का स्मारक शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी का स्मारक) या वीरभूमि (राजीव गांधी का स्मारक) के पास बनाने का सुझाव दिया है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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