अब Demat अकाउंट की Portability की तैयारी कर रहा है SEBI, ब्रोकर्स और डिपॉजटरी के साथ बातचीत जारी

जिस तरह से किसी मोबाइल नेटवर्क की सर्विस पसंद नहीं आने पर हम उसे किसी और सर्विस पर पोर्ट करा देते हैं, ठीक उसी तरह से सर्विस पसंद नहीं आने पर जल्द ही डामैट अकाउंट को भी पोर्ट किया जा सकेगा. Demat Account Portability सिस्टम के तहत आप अपने डीमैट अकाउंट को बंद कराए बिना एक डिपोजिटरी या ब्रोकिंग हाउस से दूसरे जगह ट्रांसफर करा सकेंगे. यानी कि अगर मौजूदा ब्रोकर्स की सर्विस आपको पसंद नहीं आ रही है, तो आप इसे दूसरी जगह शिफ्ट करा सकेंगे और वह भी बिना किसी परेशानी के. इसके लिए सेबी का मास्टर प्लान जल्द आएगा.

सूत्रों के मुताबिक SEBI इस सर्विस को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी में है, जिसके लिए ब्रोकर्स और डिपॉजिटिरी के साथ बातचीत का दौर भी शुरू हो चुका है. इस सिस्टम के चालू होने से सबसे पहले तो ब्रोकर्स और डिपॉजिटिरी दोनों को तकनीकि क्षेत्र में आने वाले बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. ब्रोकर्स के लिए खासकर Depository Participant ID और अकाउंट नंबर को एक रखना काफी मुश्किल होगा. इन तकनीकी मसलों को हल करने के बाद इसे लॉन्च किया जा सकता है.

एक बिजनेस चैनल के पैनल डिस्कशन में एक्सपर्ट्स ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एक तो अच्छे ब्रोकर्स को फायदा होगा, जबकि कमजोर ब्रोकर्स को अपने में सुधार करने का मौका मिलेगा. इससे ब्रोकर्स के बीच कॉम्प्टीशन भी बढ़ेगा. सभी कम चार्ज और बेहतर सर्विस देने की होड़ में लगे रहेंगे. इसी तरह से पहले जैसे पिछले अकाउंट को बंद करके नया खोलना पड़ता था, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा. इससे यूजर्स को भी कई ऑप्शंस में से बेहतर को चुनने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही कैपिटल मार्केट में ट्रांसपरेंसी भी आएगी.

बता दें कि कोरोना के बाद से भारत में डीमैट अकाउंट ज्यादा से ज्यादा संख्या में खोले गए. साल 2024 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में 46 मिलियन तक की बढ़ोतरी हुई, जो यह दर्शाता है कि हर महीने औसतन 3.8 मिलियन डीमैट अकाउंट खोले गए.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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