कांग्रेस प्रत्याशी की लिस्ट पर बवाल:टिकिट नहीं मिलने पर छोड़ी पार्टी,लड़ रहे निर्दलीय

रायपुर । कांग्रेस ने देर रात पार्षद प्रत्याशी की लिस्ट जारी करी । उस लिस्ट में भी 70 में से 66 वार्ड के प्रत्याशियों के नाम ही है। छत्तीसगढ़ में टिकट नहीं मिलने पर पार्षद के दावेदार बागी होने लगे हैं।

रायपुर निगम चुनाव में कई MIC मेंबर को इस बार कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है। इन्हीं में से एक बंटी होरा है जिन्होंने अपने सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने की बात लिखी है। बंटी होरा ने कहा कि चुनाव तो जीतेंगे ही।

वार्ड वासियों ने भी बंटी होरा का साथ दिया और कहा कि जीत बंटी होरा की ही होगी । पिछले पार्षद काल में बंटी होरा ने वार्ड के लिए बहुत काम किया। यह भी बताया कि कई बार खुद ही सफाई तक किए और कचरा भी हटाया है।

MIC सदस्य जितेंद्र अग्रवाल भी पहले भी निर्दलीय जीतकर पार्षद बने थे और फिर उसके बाद कांग्रेस में आए थे। जितेंद्र अग्रवाल भी कांग्रेस के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

कांग्रेस महिला प्रदेश सचिव पूनम पांडे ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है ।पूनम ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी वादाखिलाफी करती है । इतने साल से लगातार पार्टी में रहकर मेहनत से काम कर रही हूं । और जब आज पार्षद की बात आई तो पिछले पार्षद की पत्नी जो एक घरेलू महिला है को टिकिट दे दिया गया। पूनम पांडे ने कहा कि निर्दलीय चुनाव लडूंगी और जनता का साथ रहा तो जीत जरूर होगी।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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