बैंकों का मर्जर बना उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत, झेलनी पड़ रही परेशानियां

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रायपुर। देश के प्रमुख बैंकों का मर्जर किया जाना, उनके उपभोक्ताओं के लिए आफत बना हुआ है। बताया जा रहा है कि गूगल पे, फोन पे जैसी ऑनलाइन भुगतान करने वाले एप में बैंकों के पुराने व नए आइएफएससी कोड (इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम कोड) अमान्य बताए जा रहे हैं। इसकी वजह से ऑनलाइन भुगतान होना बड़ी समस्या बन गई है। इसके अलावा दूसरी बड़ी परेशानी उन लोगों के सामने शुरू हो गई है जिनका एफडी की अवधि पूरी हो गई है और इस वजह से भुगतान नहीं हो पा रहा है।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन के महामंत्री शिरीष नलगुंडवार ने बताया कि बैंकों का मर्जर तो गया है लेकिन सॉफ्टवेयर अपडेटेशन का काम चल रहा है। इस वजह से ही थोड़ी परेशानी आ रही है। जैसे ही अपडेटेशन का काम पूरा हो जाएगा लोगों की परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।

काम नहीं कर रहा एटीएम

बहुत से उपभोक्ताओं द्वारा बताया जा रहा है कि मर्जर की वजह से उनके बैंकों का एटीएम उनके बैंक में काम नहीं कर रहा है। हालांकि दूसरे बैंकों में उपयोग हो रहा है,लेकिन इसकी वजह से बेवजह ही उनके पैसे कट जा रहे है।

इन्हें हो रही ज्यादा दिक्कत

सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें हो रही है जिनके बच्चे या परिवरा के लोग घर से दूर रह रहे है। आइएफएससी कोड का मिलान न होने की वजह से ये लोग न तो रुपये भेज पा रहे है और न ही उनके खाते में रुपये में आ रहे है।

इन बैंकों का हुआ था विलय

जानकारी के अनुसार बीते साल इन चार बड़े बैंकों में छह बैंकों का विलय कर दिया गया था। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक आफ कामर्स व यूनाइटेड बैंक मर्ज हो गए है। इसी प्रकार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक का मर्जर है। इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक व केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का मर्जर है। बताया जा रहा है कि विलय के बाद बैंकों की अधिकांश शाखाओं का आएफएससी बदल दिया गया है या बदलाव की प्रक्रिया में है।

यहां पंद्रह दिन से बंद है बैंकों का कामकाज

कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इन दिनों राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में बैंकों का कामकाज बंद है और लोगों का लेनदेन नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं के लिए ही लेनदेन की अनुमति है और उसमें भी उपभोक्ता को आवेदन देना होगा।

Richa Sahay

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