तीन प्रक्रिया से गुजरकर आम जनता तक पहुंचती है सब्जी,जिससे जनता को रुलाती है कीमतें

रायपुर । फिलहाल सब्जियों की कीमतों में गिरावट आने से आम आदमी को थोड़ी राहत तो मिली है। वैसे देखा जाए तो अक्टूबर का महीना आते आते सब्जी की कीमतों में गिरावट आ जाती थी। लेकिन इस बार सब्जी ने आम जनता को रुला दिया था।

नया साल शुरू होते हुए सब्जी के दाम हुए कुछ कम

नया साल शुरू होते ही सब्जी की कीमतों में गिरावट आई है । श्री राम थोक सब्जी देवपुरी के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि सब्जी के दाम में काफी कमी आई है । लेकिन सब्जी जनता तक आज भी उतने कम दाम पर नहीं पहुंच पा रही।

तीन प्रक्रिया से गुजरकर आम जनता तक पहुंचती है सब्जी

अध्यक्ष रेड्डी बताते हुए बोले कि थोक सब्जी मार्केट से जनता तक सब्जी सीधे नहीं पहुंचती है । थोक बाजार और चिल्हर बाजार के बीच दो-तीन कड़ियां है। जिसके कारण सब्जी के दाम में इतना फर्क आता है।इसी कारण आम उपभोक्ता चौथे नंबर पर आता है।इसी कारण आम जनता तक सब्जी आज भी उतने कम दाम पर नहीं पहुंच पा रही है ।

रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि सब्जी थोक व्यापार में 50-50 किलो की बोरियों में आती हैं जिसे मिनी होलसेलर खरीद कर ले जाते है ।उसके बाद मिनी होलसेलर से सब्जियां बाजार में जाती है । वहां से चिल्हर सब्जी व्यापारी जैसे शास्त्री बाजार,तेलीबांधा बाजार के साथ अन्य सब्जी व्यापारी मिनी होल सेलर से सब्जी खरीदते है । मिनी होलसेलर सब्जी को अपने हिसाब से दाम लगाकर सब्जी व्यापारियों को बेचता है । उसके बाद सब्जी व्यापारी आम जनता को उसे अपने रेट के हिसाब से बेचते है। इतनी प्रक्रिया के बाद जब सब्जी आम जनता तक पहुंचती है तब उसका दाम बढ़ जाता है।

सब्जी के दाम के बारे में आम जनता की राय

राजकुमार सिंह ने बताया कि सब्जी के दाम सोने जैसे हो गए है ।सब्जी इतनी महंगी है कि मिडिल क्लास आदमी को काफी परेशानी होती है । सिंह ने बोला कि मटर 70/ किलो में मिल रही है । वही गाजर 40-45 रुपए किलो है।

राधा कुमारी ने बताया कि हम लोग घर में 8 लोग है मजदूरी करते है इतनी महंगी सब्जी कैसे खरीद सकते है । कई बार तो दाल में ही आलू डाल कर खा लेते है ।आलू भी 55 रुपए किलो मिल रहा है । सरकार को इसके बारे में कुछ करना चाहिए।

आज के सब्जी के थोक भाव

  • मटर जबलपुर 25 से 30
  • गाजर 20 से 22
  • रांची मटर 30 से 35
  • आलू 20
  • प्याज 30
  • टमाटर 5 से 8
  • गोभी 5 से 8
  • बंधी 4 से 6
  • भाटा 6 से 10
  • लौकी 4 से 8
  • धनिया 20 से 25
  • मिर्च 30 से 35

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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