साइबर फ्रॉड का हो गए हैं शिकार तो करे 1930 पर कॉल,दो मिनट में फ्रीज हो जाएगा ठग का खाता

रायपुर । बीते कुछ समय से साइबर फ्रॉड के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीके आजमाते हैं और लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं। ऐसे में सरकार, बैंक और डिजिटल पेमेंट कंपनियां मिलकर साइबर अपराध रोकने और पीड़ितों की मदद के लिए नए कदम उठा रही हैं। वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को I4C यानी कि Indian Cyber Crime Coordination Center से जुड़ने का निर्देश दिया है, ताकि ठगी के मामलों में तुरंत कार्रवाई हो सके।

अगर साइबर ठगों ने किसी भी तरीके से आपके बैंक खाते से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए हैं, इसके बाद आपको ठगे जाने का एहसास हो रहा है, तो घबराएं नहीं।साइबर हेल्पलाइन 1930 को फोन करें और इसकी शिकायत दर्ज कराएं।

यहां दो मिनट में ही आपको मदद मिलेगी। जिस खाते में आपका पैसा गया है, उसे फ्रीज कर दिया जाएगा, जिससे आपका पैसा बच जाएगा। इसे फिर अदालती कार्रवाई के माध्यम से आप वापस ले सकेंगे।

जिले के सभी थानों में सेवा, हेडक्वार्टर रायपुर में

  • यह सेवा रायपुर जिले के सभी थानों में है, जिसका मुख्य केंद्र पुलिस हेड क्वार्टर नवा रायपुर से संचालित हो रहा है। थाने से लेकर फोन में यह सुविधा शुरू होने से 1930 का रिस्पांस टाइम बहुत कम हो गया है।
  • तीन शिफ्टों में साइबर क्राइम रोकथाम के प्रशिक्षित पुलिसकर्मी इस सेवा में तैनात हैं। पहले पुलिसकर्मियों के पास कॉल आता था कि ऑनलाइन ठगी हो गई है, पैसा खाते से ट्रांसफर हो गया है।
  • अब पीड़ित काल करके सीधे पैसा होल्ड कराने के लिए कहते हैं। जिले में 33 थाने हैं। इसमें पिछले कुछ माह में ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल खातों को फ्रीज करवाकर 10 करोड़ रुपये होल्ड करवाए जा चुके हैं।

जानिए कैसे वापस ले सकते हैं होल्ड की गई रकम

जैसे ही ऑनलाइन ठगी की वारदात हुई, तुरंत 1930 पर कॉल करें। इससे ठगी करने वाले का खाता फ्रीज कर आपका पैसा होल्ड पर डाल दिया जाएगा। कॉल करते ही संबंधित थाना पुलिस के पास शिकायत पहुंचेगी। यहां से पुलिस, पीड़ित से संपर्क करेगी।

पीड़ित को थाने आकर एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसके बाद पुलिस जांच करेगी। खाता फ्रीज कर होल्ड की गई राशि को वापस लेने के लिए पीड़ित को कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र पेश करना होगा।

कोर्ट, थाने से उक्त मामले की रिपोर्ट लेगा। फिर बैंक को आदेश कर होल्ड की गई राशि पीड़ित को लौटाने के लिए कहा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा।

छोटे अमाउंट की सबसे ज्यादा ठगी

गांवों में साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ऑनलाइन ठगी के छोटे अमाउंट के मामले गांवों से ज्यादा सामने आ रहे हैं। गांवों में जागरूकता की कमी है, इस वजह से ऐसा हो रहा है।

लापरवाही महंगी पड़ सकती है

जिसका खाता फ्रीज करवाया गया है, वो भी खाता वापस चालू करवाने के लिए बैंक से संपर्क करता है। देशभर में लाखों बैंक हैं, ऐसे में यदि आप राशि होल्ड करवाने के बाद अग्रिम कार्रवाई में देरी करते हैं तो हो सकता है कि बैंक उक्त व्यक्ति का खाता वापस शुरू कर दे और आपसे ठगी गई राशि किसी शहर से विड्रॉल हो जाए।

वेटिंग टाइम समाप्त

साइबर हेल्पलाइन 1930 सेवा शुरू होने के बाद से इस नंबर पर वेटिंग टाइम समाप्त हो गया। ऑनलाइन ठगी का पीड़ित जैसे ही इस नंबर पर कॉल करता है, केवल दो मिनट में पुलिसकर्मी उससे बात करते ही पैसा होल्ड करवा देते हैं। साइबर क्राइम की वारदातें तो रिकार्ड की जा रही हैं, लेकिन ऐसे मामलों में काफी गिरावट आई है।

इधर, 1930 पर कॉल करके ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करवाने वाले कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें पीड़ित संबंधित थाने जाकर एफआईआर दर्ज नहीं करवाता। ऐसे में होल्ड की गई राशि मिलने में देरी हो रही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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