CBSE: समझें 12वीं का 30:30:40 फॉर्मूला, उदाहरण देखकर कैलकुलेट करें अपने मार्क्स

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कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसई (CBSE) बोर्ड की तरफ से 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं। इन छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए बोर्ड ने 30:30:40 फॉर्मूला से नंबर देने के लिए ये टेबल जारी किया है। जिसके बाद से ही अभिभावक और स्टूडेंट्स इस फॉर्मूले को समझने की कोशिश कर रहे हैं। बावजूद उन्हे फॉर्मूले पर कई तरह का कन्फ्यूजन है। इसी को दूर करने के लिए हम यहां मार्किंग फॉर्मूले को बता रहे हैं….

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फॉर्मूला 1: 10वीं-11वीं से 24-24 और 12वीं से मिलेंगे 52 नंबर

यह फॉर्मूला आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए है। क्योंकि सीबीएसई 12वीं के आर्ट्स स्ट्रीम में 80 नंबर थ्योरी और 20 नंबर प्रैक्टिकल के होते हैं। ऐसे में थ्योरी के 80 नंबर की मा‌र्किंग के लिए 10वीं-11वीं में 30%-30% यानी 24-24 नंबर और 12वीं से 40% यानी 32 नंबर का फॉर्मूला लगाया जाएगा. इस तरह 12वीं के असेसमेंट से 52 और 10वीं, 11वीं से 48 नंबर की मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 2: 10वीं-11वीं से 21-21 और 12वीं से 58 नंबर

यह फॉर्मूल साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई करने वाले छात्रों पर लागू होगा. क्योंकि फिजिक्स, कमेस्ट्री और बायोलॉजी में 30 मार्क्स के प्रैक्टिकल होते हैं। जबकि बचे थ्योरी के 70 नंबर में 10वीं-11वीं से 21-21 और 12वीं से 28 पर मा‌‌र्किंग होगी। ऐसे में अगर 12वीं के प्रैक्टिकल के 30 अंक मिला लें तो इसमें कुल 58 और पिछली दो क्लास से 42 नंबर में से मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 3: 10वीं-11वीं से 18-18 और 12वीं से 64 नंबर

यह फॉर्मूला होम साइंस के साथ आर्ट्स के सब्जेक्ट के कॉम्बिनेशन वाले छात्रों पर लागू होगी। क्योंकि इसमें प्रैक्टिकल के मार्क्स 40 तक पहुंचते हैं। ऐसे में 10वीं-11वीं से कुल 36 और 12वीं से 64 के लिए मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 4: 10वीं-11वीं से 15-15 और 12वीं से 70 नंबर
फिजिकल एजुकेशन के साथ सब्जेक्ट का ऐसा कॉम्बिनेशन बनता है जिनमें प्रैक्टिकल के मार्क्स 50 तक हो सकते हैं। ऐसे में इसका पूरा एसेसमेंट 12वीं के आधार पर ही होगा। 10वीं और 11वीं से 30 और 12वीं के थ्योरी से 20 नंबर पर मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 5: 10वीं-11वीं से 9-9 और 12वीं से 82 नंबर
कुछ वर्षों पहले सीबीएसई द्वारा कई नए कोर्स भी शुरू किए गए हैं। ये कोर्स प्रैक्टिकल आधारित हैं. इनमें प्रैक्टिकल के 70 मार्क्स तक हो सकते हैं। ऐसे में 30:30:40 के फॉर्मूले से केवल 30 नंबर के लिए मार्किंग होगी। इनमें 10वीं-11वीं से केवल 18 और बाकी के 82 नंबर 12वीं के ऐससमेंट से दिए जाएंगे।

प्रैक्टिकल पर नहीं लागू होगा कोई फॉर्मूला

सीबीएसई बोर्ड 12वीं के प्रैक्टिकल पर कोई फॉर्मूला नहीं लागू होगा. 12वीं में 5 तरह के सब्जेक्ट हैं। इनमें प्रैक्टिकल्स के नंबर 20 से शुरू होकर 70 तक जाते हैं। चूंकि फॉर्मूला केवल थ्योरी पर ही लागू होना है, इसलिए कुछ सब्जेक्ट ऐसे भी होंगे जिनमें 100 में से 70 नंबर की मार्किंग केवल 12वीं के प्रैक्टिकल के आाधर पर हो जाएगी। बचे हुए 30 नंबर में से 10वीं से 9 नंबर, 11वीं से 9 नंबर और 12वीं से 12 नंबर की मार्किंग थ्योरी के रिजल्ट पर होगी।

100 नंबर में कितने मार्क्स कहां से मिलेंगे

मान लीजिए अगर किसी छात्र को 10वीं में फिजिक्स के थ्योरी पेपर में 70 में 66 नंबर मिले हैं। इस हिसाब से छात्रा को 30% के हिसाब से 10वीं में फिजिक्स में 19.8 नंबर मिलेंगे।

वहीं, छात्र को अगर 11वीं में फिजिक्स में 70 में 62 नंबर मिले हैं. 30% के हिसाब से उसे 11वीं में फिजिक्स 18.6 अंक मिलेंगे।

अगर 12वीं के मिड टर्म, यूनिट टेस्ट और प्री-बोर्ड में फिजिक्स में औसतन छात्र को 70 में 67 मिले हैं तो 40% के हिसाब छात्र का 12वीं में फिजिक्स का स्कोर 26.8 होगा। इस तरह फिजिक्स के मार्क्स पर 30:30:40 फॉर्मूले से 70 नंबर का मूल्यांकन हो गया। इसमें छात्र को 65.2 नंबर मिल जाएगा।

वहीं, किसी छात्र को 12वीं के प्रैक्टिकल में 30 में से 25 नंबर मिलता है तो छात्र का कुल नंबर 90.2 हो जाएगा। ठीक इसी तरह अन्य विषयों की मार्किंग की जाएगी।