छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने पद से दिया इस्तीफा, जानें वजह

रायपुर । छत्‍तीसगढ़ में राइस मिलर्स संगठन में हड़कंप मचा हुआ है। जहां तीन दिन पहले 29 जनवरी को आईटी विभाग ने अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा है। जहां आईटी की टीम जांच कर रही है। इसी बीच आज यानी 1 फरवरी को बड़ा उलटफेर हुआ है। जहां छत्‍तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस्‍तीफा दे दिया है। वे अब एसोसिएशन के अध्‍यक्ष नहीं रहेंगे। उन्‍होंने कार्यकारिणी भंग करने की भी घोषणा कर दी है।

बहरहाल, ठीक धान खरीदी के सीजन में अध्यक्ष का इस्तीफा देने से राईस मिलर्स हैरान हैं। राईस मिलरों की खाद्य विभाग के साथ कई मामलों को लेकर टकराव चल रहा है। राईस मिलर्स लंबे बकाया को लेकर धान उठाने से इंकार कर दिया था। मगर बाद में सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद राईस मिलरों ने धान उठाना प्रारंभ कर दिया था।

योगेश अग्रवाल ने कहा है कि, मैंने और पूरी टीम ने आप सबकी सेवा करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा से काम किया। लेकिन अब मैं अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करना चाहता। मैं अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं और पूरी कार्यकारिणी को भंग करने की घोषणा करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि, हमारी सरकार ने हम राईस मिलर्स की सभी मांगों को भी पूरा किया है। इसके लिए मैं सरकार और अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं।

एसोसिएशन में पड़ा फूट और असंतोष

मिली जानकारी के अनुसार, राईस मिलर्स एसोसिएशन में फूट और असंतोष पड़ने के बाद अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस्तीफा दिया। बताया जा रहा है कि, धान खरीदी मामले में सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर संगठन में फूट पड़ा था।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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