सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, बीजापुर में मार गिराए 12 नक्सली

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें अब तक 12 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है और इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है।

बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर तीन जिलों के जवान नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चला रहे हैं। बीजापुर के मारूढ़बाका और पुजारी कांकेर इलाके में सुबह 09:00 बजे से सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

माओवादियों के बड़े कैडरों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी बीजापुर, डीआरजी सुकमा, डीआरजी दंतेवाड़ा, कोबरा 204, 205, 206, 208, 210 एंव केरिपु 229 बटालियन की संयुक्त टीम ऑपरेशन चला रही है।

गुरुवार को ही बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट होने से सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के दो कमांडो घायल हो गए।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना बासागुड़ा थाना क्षेत्र में तड़के उस समय हुई जब सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम क्षेत्र में वर्चस्व अभियान पर निकली थी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 229वीं बटालियन और सीआरपीएफ की एक विशिष्ट जंगल युद्ध इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) की 206वीं बटालियन के जवान शामिल थे। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जवान अनजाने में प्रेशर आईईडी के संपर्क में आ गए, जिससे विस्फोट हो गया और उनमें से दो घायल हो गए।

 

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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