रायपुर । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार सिंह द्वारा सिविल लाईन रायपुर स्थित सी-04 भवन के सभाकक्ष में रायपुर के विभिन्न बैंकों के ब्रांच मैनेजरों/अधिकारियों की बैठक ली गई।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन अजय कुमार, थाना प्रभारी सिविल लाईन निरीक्षक रोहित मालेकर उपस्थित रहें।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा ब्रांच मैनेजरों से निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई –
- बैंक की सुरक्षा के मद्देनजर अलार्म हमेशा चालू रखने तथा समय समय पर इसे चेक करने, बैंकों में अनिवार्य रूप से गार्ड रखने तथा उनका एवं उनके हथियारों का वेरीफिकेशन कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही बैंकों में लगा फायर सिस्टम नियमित रूप से चालू रखने, बैंक के अंदर व बाहर तथा पार्किंग स्थल सहित बैंक के बाहर रोड को कवर करते हुए पर्याप्त सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाने तथा सी.सी.टी.व्ही. कैमरों को हमेशा चालू हालत में रखने व बैकअप डाटा रखने कहा गया।
- पुलिस द्वारा मांगी जाने वाली अपराध से संबंधित जानकारियों सहित अन्य जानकारियों को अविलंब उपलब्ध कराने कहा गया, ताकि समय रहते आरोपी के संबंध जानकारी एकत्र किया जा सके एवं पीड़ित व्यक्ति को राहत प्रदान किया जा सके।
- पुलिस द्वारा मांगे जाने पर ए.टी.एम. बूथ की फुटेजों को तत्काल उपलब्ध कराने तथा प्रत्येक ए.टी.एम. बूथ में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड रखने एवं बैंक के अंदर व बाहर अनावश्यक रूप से घुमने वालों सहित संदिग्ध व्यक्तियों के संबंध में नजदीकी पुलिस थाना में सूचना देने कहा गया।
- बैंको में एडवांस सी.सी.टी.व्ही. कैमरा लगवाने ताकि बैंको में लगातार अधिक दिनों तक अवकाश होने पर आसानी से कैमरों के माध्यम से बैंक में नजर रखा जा सकें।
- पुलिस द्वारा फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसे लोगों के संबंध में क्विक रिस्पांस देने, KYC को मजबूत करने तथा KYC अपडेट को फिजिकल वेरीफाई करने कहा गया।
- यदि कोई व्यक्ति अपना चेहरा व मुंह ढ़ककर बैंक अथवा ए.टी.एम. बूथ में प्रवेश करता है तो इस संबंध में गार्ड को सख्त निर्देश देते हुये ऐसे व्यक्तियों को बैंक व ए.टी.एम. बूथ में प्रवेश करने से रोकने कहा गया।
- पुलिस द्वारा मांगे जाने पर डेली सेटलमेंट रिपोर्ट तथा बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराने तथा बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक खाता में किसी भी बैंक द्वारा होल्ड लगाने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
- इसके साथ ही इस संबंध में भी चर्चा हुई कि किसी व्यक्ति के साथ फ्रॉड संबंधी अपराध घटित हुआ है, तो जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुए अपराधी को चिन्हांकित किया जा सके और पीड़ित को राहत दिया जा सके।
- वर्तमान में सायबर ठगों द्वारा पीड़ितों को अपने झांसे मंे लेकर डिजिटल रूप से अरेस्ट करने की धमकी देकर उन्हें डरा -धमकाकर उनसे रकम ऐंठे जाते है, तो इस प्रकार से यदि कोई भी पीड़ित व्यक्ति बैंक आता है अथवा परेशान रहता है, तो उसकी हर संभव मदद करने के साथ ही इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
- पुलिस द्वारा फाईनेंशियल व एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में गये रकम को तत्काल होल्ड करने सहित बैंकों में ठगों के खातों की राशि होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस कराने कहा गया।
बैंक के ब्रांच मैनेजरों को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नवीन कार्य योजना तैयार कर ठगी सहित अन्य प्रकरणों में कार्य करते हुए जानकारियों का त्वरित आदान – प्रदान कर अपराधों को रोकने, पुलिस और बैंक मिलकर कैसे किसी अपराधी को पकड़ सकती है, कैसे किसी भी पीड़ित का पैसा त्वरित वापस कराया जा सकता है। इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, के संबंध में चर्चा किया गया।