एकादशी पर श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 9 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल; मुख्यमंत्री नायडू ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के अवसर पर दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख जताते हुए राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।

रायपुर, 1 नवम्बर 2025 — आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा कस्बे में स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार सुबह देवउठनी एकादशी के अवसर पर दर्शन के लिए उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच अफरातफरी मच गई। मंदिर परिसर के संकरे प्रवेश मार्ग पर अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस हादसे में कम से कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है जबकि दर्जनों घायल हुए हैं।
हादसे की पृष्ठभूमि
कार्तिक मास की एकादशी पर मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया था। मंदिर प्रशासन ने अनुमान लगाया था कि इस दिन 10,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। लेकिन भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। संकरी सीढ़ियों और निकास मार्ग पर दबाव बढ़ने से रेलिंग टूट गई और श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरने लगे।
राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों ने राहत कार्य शुरू किया। घायलों को पलासा और श्रीकाकुलम के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और स्थिति सामान्य की जा सके।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह हादसा बेहद दुखद और हृदयविदारक है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के कृषि मंत्री के. अचन्नायडू को तुरंत घटनास्थल पर भेजा, जिन्होंने राहत कार्यों की निगरानी की और प्रशासनिक अधिकारियों से घटना की जानकारी ली।
जांच के आदेश
राज्य सरकार ने इस हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह घटना श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण हुई। प्रवेश और निकास मार्गों पर दबाव बढ़ने से भगदड़ की स्थिति बनी। मंदिर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से जवाबदेही तय करने के लिए जांच समिति गठित की जा रही है।
निष्कर्ष
यह हादसा एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन की गंभीरता को उजागर करता है। राज्य सरकार को चाहिए कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए पूर्व नियोजन, सुरक्षा उपायों और आपातकालीन व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दे ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।



