Panchang: राहुकाल से बचें, शुभ मुहूर्त में करें काम: 18 सितंबर 2025 का पंचांग और धार्मिक महत्व



 

18 सितंबर 2025: राहुकाल और शुभ मुहूर्त का सटीक समय, जानें क्या करें और क्या नहीं

राहुकाल: आखिर क्या है और इसका महत्व क्या है

राहुकाल ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ समय माना जाता है, जो हर दिन लगभग 90 मिनट तक रहता है। यह समय राहु ग्रह के प्रभाव के कारण होता है, जिसे वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना जाता है। राहु को एक विघटनकारी और अप्रत्याशित ग्रह माना जाता है, जिसके कारण इस दौरान किए गए शुभ कार्यों में बाधाएं या असफलताएं आने की संभावना बढ़ जाती है।

ऐसी मान्यता है कि राहु काल में शुरू किए गए कार्यों का परिणाम अप्रत्याशित हो सकता है या वे इच्छित फल नहीं देते। इसलिए, इस समय में कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य, जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार का शुभारंभ, या यात्रा की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।

राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त: एक साथ पड़ने पर क्या करें

यह एक दुर्लभ स्थिति है जब राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक ही समय पर पड़ते हैं। अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, जो सभी तरह के दोषों को दूर करने की क्षमता रखता है। ज्योतिषीय नियमों के अनुसार, यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त के शुभ प्रभाव राहुकाल के अशुभ प्रभाव को कम कर देते हैं

इसलिए, ऐसे में शुभ कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं, बशर्ते यह बहुत ही आवश्यक हो। हालांकि, अत्यधिक सावधानी के लिए, यदि संभव हो तो राहुकाल से पूरी तरह बचना सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

आज 18 सितंबर 2025 का राहुकाल और शुभ मुहूर्त

आज, 18 सितंबर 2025, गुरुवार के दिन, राहुकाल और शुभ मुहूर्त का समय इस प्रकार है:

राहुकाल का समय:

  • दोपहर 01:30 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक

राहुकाल में क्या न करें:

  • किसी भी नए कार्य की शुरुआत: व्यापार, नौकरी या किसी भी नए प्रोजेक्ट को शुरू न करें।
  • महत्वपूर्ण सौदे या लेन-देन: आर्थिक मामलों में किसी भी बड़े निर्णय या सौदे से बचें।
  • यात्रा की शुरुआत: यदि बहुत आवश्यक न हो, तो यात्रा पर जाने से बचें, खासकर दक्षिण दिशा में।
  • विवाह या सगाई जैसे शुभ कार्य: इन कार्यों को राहुकाल में नहीं करना चाहिए।
  • पूजा-पाठ का आरंभ: कोई भी नया अनुष्ठान या पूजा इस समय में शुरू न करें।

राहुकाल में क्या करें:

  • नियमित पूजा-पाठ: दैनिक पूजा और जाप जारी रख सकते हैं।
  • विश्राम और ध्यान: यह समय आत्म-चिंतन और ध्यान के लिए अच्छा माना जाता है।
  • पूर्व में शुरू किए गए कार्यों को जारी रखना: यदि कोई काम पहले से चल रहा है, तो उसे जारी रख सकते हैं।

शुभ मुहूर्त का समय:

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:18 बजे से दोपहर 03:08 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:14 बजे से शाम 06:38 बजे तक

आज का विस्तृत पंचांग

आज का पंचांग ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है:

  • तिथि: कृष्ण पक्ष द्वितीया, रात 09:20 बजे तक, उसके बाद तृतीया
  • नक्षत्र: उत्तरा भाद्रपद, सुबह 08:52 बजे तक, उसके बाद रेवती
  • वार: गुरुवार
  • करण: गर, सुबह 10:23 बजे तक, उसके बाद वणिज
  • योग: शूल, रात 10:35 बजे तक, उसके बाद गण्ड
  • सूर्योदय: सुबह 06:07 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:26 बजे
  • चंद्र राशि: मीन
  • दिशा शूल: दक्षिण

आज का धार्मिक महत्व

आज गुरुवार का दिन है, जो भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना और केले के पेड़ की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले रंग की वस्तुओं का दान करना भी शुभ माना जाता है।

Disclaimer: www.the4thpillar.live द्वारा दी गई यह जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं और मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। इस पर पूर्ण रूप से निर्भर रहने से पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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