भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर मुहर: पीएम मोदी की लंदन यात्रा के दौरान ऐतिहासिक समझौता, आम आदमी से लेकर उद्योग तक होगा असर

लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच 24 जुलाई को एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता भारत और यूके के बीच व्यापार, निवेश और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देगा। तीन वर्षों की बातचीत के बाद यह डील फाइनल हुई है, जिसे भारत की कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी थी।

क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वह समझौता होता है जिसमें दो देश एक-दूसरे से आयात-निर्यात पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटा देते हैं या समाप्त कर देते हैं। इससे व्यापार आसान होता है और उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर विदेशी उत्पाद मिलते हैं।

भारत को क्या मिलेगा

  • भारत से यूके को जाने वाले 99% उत्पादों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
  • टेक्सटाइल, चमड़ा, ज्वेलरी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटो पार्ट्स और इंजीनियरिंग गुड्स को यूके में व्यापक बाजार मिलेगा।
  • आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, एजुकेशन और प्रोफेशनल सर्विसेज के लिए भी भारत को सेवा क्षेत्र में बड़ी छूट मिलेगी।
  • भारतीय कर्मचारियों को यूके में तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी, जिससे कंपनियों का खर्च घटेगा।

यूके को क्या मिलेगा

  • भारत में ब्रिटिश व्हिस्की, कार, मेडिकल डिवाइसेज़, सॉफ्ट ड्रिंक्स और कॉस्मेटिक्स पर टैक्स में भारी कटौती होगी।
  • व्हिस्की पर टैक्स 150% से घटकर 75% और फिर 40% तक जाएगा
  • ब्रिटिश कारों पर टैक्स 110% से घटकर 10% तक आएगा, जिससे हाई-एंड गाड़ियों की कीमतें कम हो सकती हैं।

कृषि और घरेलू उद्योगों पर असर

भारत ने दूध, सेब, ओट्स और खाद्य तेल जैसे संवेदनशील कृषि उत्पादों को FTA से बाहर रखा है, ताकि घरेलू किसानों को नुकसान न हो। वहीं, हल्दी, मिर्च, आम पल्प, अचार और मिलेट्स जैसे उत्पादों को यूके में ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा, जिससे ग्रामीण किसानों को बड़ा फायदा होगा।

रोजगार और निवेश

  • इस समझौते से भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक $120 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • यूके में भारतीय कंपनियों द्वारा $2 बिलियन का निवेश और 1 लाख से अधिक नौकरियां पहले से मौजूद हैं।
  • यूके की 26 कंपनियां, जैसे एयरबस और रोल्स-रॉयस, भारत में अपने ऑपरेशन बढ़ाने जा रही हैं।

राजनीतिक और रणनीतिक महत्व

यह समझौता ब्रेक्जिट के बाद यूके का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है और भारत का किसी विकसित देश के साथ पिछले 10 वर्षों में पहला बड़ा FTA है। दोनों देशों ने डिफेंस, क्लाइमेट, टेक्नोलॉजी और एजुकेशन में सहयोग को भी मजबूत करने का संकल्प लिया है।

निष्कर्ष:

भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि आम आदमी की जेब, किसानों की आमदनी, और युवाओं के रोजगार अवसरों पर भी सकारात्मक असर डालेगा। यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार में एक मजबूत भागीदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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