निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने एजाज ढेबर पर साधा निशाना ,कहा-मेयर ने झूठ से शुरू और झूठ पर ही खत्म किया कार्यकाल

रायपुर । रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा है कि महापौर एजाज ढेबर खुद को सिंघम बता रहे थे, वो सिंघम नहीं फिसड्डी महापौर हैं। दरअसल, एक दिन पहले ही महापौर एजाज ढेबर ने कहा था कि सिंघम फिल्म में अजय देवगन कहते हैं मैं मर्दाें वाला काम करने के आया हूं, मैंने भी उसी तरह रायपुर नगर निगम में काम किया है।

इसपर पलटवार करते हुए रविवार को मिनल चौबे ने कहा कि नगर निगम का मूल कार्य जनता को व्यवस्थित शहर, पानी, सफाई और बिजली देना होता है। महापौर इन सभी क्षेत्रों में नाकाम रहे। शहर में ना तो विकास हुआ और ना ही जनता को मूलभूत सुविधाएं मिल पाई।

2019-20 से लेकर 2023-24 तक केंद्र सरकार के द्वारा 1254 करोड़ 36 लाख 44 हजार रुपए नगर निगम को मिले। जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सफाई के लिए 74 करोड़ 60 लाख रुपए मिले। पैसों का सही प्रबंधन करने में महापौर नाकामयाब रहे।

निराशाजनक रहा 5 साल का कार्यकाल-मीनल चौबे

चौबे ने कहा कि महापौर एजाज ढेबर का पांच वर्ष का कार्यकाल अत्यंत निराशाजनक रहा। और वह फिसड्डी महापौर साबित हुए। राजधानी के अनुरूप विकास कार्य शुन्य हुए। रायपुर शहर की जनता को एक भी सौगात वे नहीं दे पाए।

पांच वर्ष का कार्यकाल उनको मिला जिसमें वे अपनी एक भी उपलब्धि नहीं गिना सकते। बार-बार बूढ़ा तालाब सौन्दर्याकरण की वे बात करते हैं। वहां प्रवेश द्वार से लेकर फव्वारे तक सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है। करोड़ों रुपए के फव्वारे जनता देखने को तरस गई, प्रारंभ से ही फव्वारे बंद रहे, करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए।

मीनल चौबे ने कहा कि गोल बाजार के नाम पर व्यवसायियों को सब्जबाग दिखाए गए मगर योजना को फलीभूत करने में नाकाम रहे। करोड़ों रुपए जवाहर बाजार में खर्च किया गया और आज भी व्यवसायी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

‘यूथ हब के नाम पर नौजवानों से धोखा किया’

मल्टीलेवल पार्किंग की दुर्दशा ही गई है। शहर में उद्यानों का व्यवसायीकरण कर दिया गया। यूथ हब के नाम पर नौजवानों से धोखा किया गया। शहर में बिना टेंडर के काम करवाए गए। डिवाइडर घोटाला इसका उदाहरण है।

चौबे ने आगे कहा कि जनता की गाड़ी कमाई से जनता के लिए बनाए गए भवन को निजी संस्था को हस्तांतरित कर दिया गया और हस्तांतरण के पश्चात करोड़ों रुपए के ऐशो आराम का सामान निगम के कोष से लगवाए गए। बिना किसी प्लानिंग के मावली माता मंदिर का निर्माण की घोषणा की और जनता को धोखा दिया।

मिनी मेट्रो ट्रेन की झूठी बातें कही- चौबे

सफाई कर्मचारियों को रोजाना नाश्ता वितरण की झूठी बातें कही। रायपुर में मिनी मेट्रो ट्रेन की झूठी बातें कही। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों रुपए केंद्र सरकार ने दिए मगर राज्यांश नहीं मिलने के कारण गरीबों को मकान नहीं मिल पाया।

देश के गिने-चुने शहरों में दो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चलते थे। महापौर एजाज ढेबर की नाकामियों के कारण नया रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट रायपुर से छिन गया। कुल मिलाकर महापौर का कार्यकाल झूठ से आरंभ होकर झूठ में ही समाप्त हो गया। ना तो वह विकास कर पाए और ना ही जनता को सफाई, बिजली, पानी दे पाए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button