नक्सली लीडर चलपति के ससुर लक्ष्मण राव शव लेने पहुंचे रायपुर,कहा-पेट भरने वाला भगवान होता,दामाद को भगवान मानता हूँ

रायपुर । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बीते मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें 16 नक्सलियों के मारे गए थे। इसी मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपति को भी मार गिराया गया था।खूंखार माओवादी नेता की प्रेम कहानी भी सामने आई है। वही उसके ससुर के बयान भी सुर्खियां बटोर रहे हैं।

गुरुवार को माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य रहे चलपति उर्फ जयराम के ससुर लक्ष्मण राव शव लेने रायपुर पहुंचे थे। इस बीच राव ने ANI से बात करते हुए आशंका जताई है।

जानें क्या बोले चलपति के ससुर राव

मुठभेड़ में चलपति के ढेर होने की खबर मीडिया में देखने-सुनने के बाद लक्ष्मण राव रायपुर आए थे। उन्होंने इस बीच अपना एक बयान देते हुए कहा कि बेरोजगारी, महंगाई पर आवाज उठाने वाले को मार दिया जाता है। और कहा, “जंगल में जंग चल रही है। लोगों के पेट भरने वाला भगवान होता है, मैं अपने दामाद को भगवान मानता हूँ। वह घर से बाहर निकला और वापस नहीं लौटा। जान दे दी उसने।”

वहीं, बेटी के शव नहीं मिलने पर जंगल में ही होने की आशंका जताई है। साथ ही चलपति के ससुर ने बेटी से एक बार मिलने की इच्छा जताई है।लेकिन क्या पता वह अब कहीं और हो। बता दें, माओवाद को चलपति गलत नहीं मानते है।

37 साल छोटी लड़की से हुआ प्यार, हाशिये पर चला गया चलपति

चलपति नक्सल संगठन के टॉप लीडरशिप का हिस्सा था। उसे नक्सलियों का मास्टर ट्रेनर भी कहा जाता था। बताया जाता है कि अपने 37 साल छोटी उम्र की लड़की के प्यार में पड़ने के बाद हाशिए पर चला गया था। माओवादी संगठन में शीर्ष पदों पर पहुंचा चलपति साल 2014-15 में अचानक संगठन में हाशिए पर पहुँच गया था, क्योंकि उसे संगठन में छोटे कैडर की अरुणा नाम की लड़की के प्यार हो गया था। उम्र में लगभग 37 साल छोटी अरुणा से साल 2014 में चलपति ने शादी कर ली। शीर्ष कैडर के नक्सल नेताओं ने इस विवाह का विरोध किया, लेकिन चलपति ने उनकी बात नहीं मानी।

हिड़मा का गुरु चलपति 12 बॉडी गार्ड साथ लेकर चलता था

खूंखार नक्सली चलपति उर्फ जयराम के नाम की चर्चा उसकी मौत के बाद एक बार फिर से जोड़ पकड़ रही है। चलपति को लेकर कई तरह की नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी बात ये है खूंखार नक्सली हिड़मा का चलपति ही गुरु था। वहीं,अधिकारियों की मानें तो चलपति हर वक्त करीब 12 बॉडीगार्ड लेकर चलता था। चलपति के ऊपर 90 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।तीन राज्यों की सरकार ने ये इनाम रखा था। छत्तीसगढ़ में चलपति पर 40 लाख रुपये का इनाम था। चलपति आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले का था। एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने चलपति समेत करीब 16 नक्सलियों को ढेर करके एक बड़ी सफलता हासिल की है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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