छत्तीसगढ़ में एक नाबालिग बच्ची के साथ जो हुआ उसके बारे में जानकर आप हिल जाएंगे। इस आदिवासी बच्ची के साथ स्कूल के प्रिंसिपल समेत शिक्षण कार्य से जुड़े तीन सरकारी कर्मचारियों ने गैंगरेप किया है। इस दरिंदगी में प्रिंसपल, हेडमास्टर, टीचर और एक फॉरेस्ट रेंजर भी शामिल था। घटना छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की है।
बच्ची की उम्र 17 साल है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के अनुसार 15 नवंबर को प्रिंसिपल अशोक कुमार कुशवाहा (55 साल), लेक्चरर कुशल सिंह परिहार (50 साल) और हेडमास्टर (CSC) रावेन्द्र कुशवाहा (48 साल) जनकपुर की एक कॉलोनी में किराए के मकान में ले गए। बहरासी में पदस्थ डिप्टी रेंजर बनवारी भी शिक्षकों के साथ था। सभी ने कथित तौर पर बारी-बारी से लड़की के साथ बलात्कार किया और इस घिनौनी वारदात को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड भी कर लिया।
इसके बाद इन दरिंदों ने बच्ची को धमकी दी कि अगर उसने किसी को घटना के बारे में बताया तो वे इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देंगे। सभी आरोपियों ने लड़की को ब्लैकमेल किया और 22 नवंबर को किराए के घर में फिर से उसके साथ बलात्कार किया।
अधिकारियों ने बताया कि धमकी के बाद लड़की डर गई थी लेकिन बाद में उसने हिम्मत जुटाकर अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी। मंगलवार को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि तीनों आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।
लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में मंगलवार को सरकारी स्कूलों के तीन शिक्षकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लड़की के साथ 15 और 22 नवंबर को जनकपुर थाना क्षेत्र में दो बार कथित तौर पर बलात्कार किया गया था।जानकारी के मुताबिक तीनों शिक्षक जनकपुर विकासखंड के हाईस्कूल देवगढ़ में पदस्थ हैं और जनकपुर में किराए का मकान में रहते हैं। चौथा शख्स वन विभाग का कर्मचारी है।