छत्तीसगढ़ में ठंड ने पकड़ी रफ्तार,तापमान में आई गिरावट

रायपुर। शनिवार को छत्तीसगढ़ के सभी संभाग में पारा बीते साल का रिकार्ड तोड़कर नीचे गिर गया है। जगदलपुर में शनिवार को सबसे कम पारा 13.1 डिग्री दर्ज किया गया। बीते साल नवंबर में 15 डिग्री से पारा नीचे नहीं गिरा था।

रायपुर में इस सीजन का सबसे कम पारा 14.9 डिग्री दर्ज किया गया है। जो बीते साल 17.5 तक ही कम हुआ था।

बिलासपुर में अब तक 13.2 डिग्री तक गिरा है, जबकि बीते साल का पारा 15.6 डिग्री तक ही कमी आई थी। पेण्ड्रारोड में शनिवार को अब तक 09.4 डिग्री पर पारा रहा। जो बीते साल में 12.4 डिग्री तक गिरा था। अंबिकापुर में पारा शनिवार को 08.4 डिग्री था। जो बीते साल नवंबर में सबसे कम पारा 9.8 तक ही गिरा था।

अब बदल रही है हवा की दिशा

प्रदेश में हवा की दिशा बदल रही है। उत्तर-पूर्वी हवा की दिशा बदलकर दक्षिण-पूर्वी हो गई है। इसलिए प्रदेश में मौसम में अभी विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। तापमान में अब न तो ज्यादा वृद्धि होगी, और न ही गिरावट आएगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले तीन दिन तक लगभग पूरे प्रदेश के मौसम में खास बदलाव के आसार नहीं हैं।

दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिन बाद न्यूनतम तापमान में एक-दो डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है। प्रदेश के शेष भागों में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। शनिवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 30.8 डिग्री सुकमा में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 08.4 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया।

ऐसा रहेगा राजधानी का मौसम

रविवार को राजधानी में फिर से बादल रहने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 29 डिग्री और 15 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। बंगाल की खाली एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। जिसके असर से दक्षिणी-पश्चिमी नम हवाओं का प्रभाव अधिक हो सकता है, जबकि उत्तर-पूर्व से आने वाली हवाओं की गति में कमी हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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