1 लाख रिश्वत लेते पटवारी और सहायक गिरफ्तापर,जमीन का सीमांकन करने किसान से मांगे थे 5 लाख

त्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटवारी और उसके सहायक को किसान से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। बताया जा रहा है कि किसान से सीमांकन के एवज में आरोपी पटवारी सुशील जायसवाल और सहायक गुलाब दास मानिकपुरी 5 लाख रूपए की डिमांड की थी। फिर 4 लाख में सौदा हुआ। अब मामले में RI की भूमिका की जांच की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम रामगढ़ निवासी वैभव सोनी पिता शेखर सोनी ने जमीन सीमांकन के लिए आवेदन दिया था।गांव में उनकी 26 एकड़ जमीन है। जिसके बदले में राजस्व निरीक्षक नरेश साहू, पटवारी सुशील जायसवाल ने पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।वैभव सोनी उन्हें अवैध तरीके से पैसे नहीं देना चाहता था। वही परेशान होकर किसान ने 19 नवंबर 2024 को बिलासपुर एसीबी में शिकायत की थी।

एसीबी ने किया ट्रेप

एसीबी ने शिकायत की जांच और सत्यापन कराने के बाद पटवारी और आरआई को ट्रेप करने से पहले वीडियो-ऑडियो रिकार्डिंग कर सबूत जुटाने कहा। इस पर किसान ने दोबारा पटवारी से संपर्क किया। तब पटवारी और आरआई ने 4 लाख रुपए में सौदा तय किया।

1 लाख लेते रंगे हाथों पकड़ाए

सत्यापन कराने के बाद एसीबी ने शिकायत को सही पाया। इसके बाद पटवारी ने किसान को पैसे लेकर ऑफिस बुलाया। अपने असिस्टेंट गुलाब दास मानिकपुरी को पैसे देने के लिए कहा। इस दौरान एसीबी की टीम इस पर नजर रख रही थी।

जैसे ही वैभव ने पैसे निकालकर गुलाब दास को दिए एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद टीम ने पटवारी सुशील जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

एसीबी के अफसरों ने बताया कि, इस केस में आरआई नरेश साहू का भी नाम आया है। लेकिन, जब रेड की कार्रवाई की गई, तब वो मौके पर नहीं था। लिहाजा, नरेश साहू की भूमिका की जांच की जा रही है। मामले में आरोपी पटवारी सुशील जायसवाल और सहायक गुलाब दास मानिकपुरी के विरूद्ध धारा 7, 12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जा रही है। आरोपी पटवारी के बयान के आधार पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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